GST को लोकसभा की मंजूरी, जानिए क्या होगा आप पर असर
नयी दिल्ली : देश के लिए सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताये जा रहे गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी से जुड़े 4 अहम विधेयक बुधवार को लोकसभा से पारित हो गये हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी को क्रांतिकारी कदम बताया तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया नारा दिया- ‘नया साल, नया कानून, […]
नयी दिल्ली : देश के लिए सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताये जा रहे गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी से जुड़े 4 अहम विधेयक बुधवार को लोकसभा से पारित हो गये हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी को क्रांतिकारी कदम बताया तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया नारा दिया- ‘नया साल, नया कानून, नया भारत’. आप भी जानिए इस बिल का आपपर क्या होगा असर…
आपकी रसोई पर
दैनिक जीवन में काम आने वाली अधिकतर वस्तुओं पर या तो इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा या सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. आटा, दाल, चावल, नमक, तेल आदि पर कोई कर नहीं लगता है. कुछ प्रोसेस्ड चीजों पर मामूली कर लगता है.
खेती-किसानी पर
किसानों को फायदा ही होगा, क्योंकि जीएसटी से परिवहन लागत घटेगी, जिससे खेती में काम आने वाले सामानों की लागत घटेगी. हालांकि पेट्रोलियम पदार्थों के जीएसटी के दायरे से बाहर रहने की वजह से उर्वरकों के सस्ता होने की संभावना नहीं है. ट्रैक्टर और अन्य तरह की मशीनरी के सस्ता होने की संभावना है.
पेशेवरों पर बढ़ेगा बोझ
चार्टर्ड अकाउंटेंट, चार्टर्ड सेक्रेटरी और कुछ अन्य पेशेवरों को महंगा पड़ेगा, क्योंकि सप्लाई ऑफ सर्विसेज पर जीएसटी लगने से पेशेवर भी इसके दायरे में आयेंगे. कई राज्यों में सेवा दे रहे प्रोफेशनलों को हर राज्य में अलग-अलग रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जो कि अभी केंद्रीयकृत होता है. रिटर्न भी अलग-अलग राज्य में उसी तरह दाखिल करना होगा.
व्यापार पर असर
कंपनियों को अपने अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर को अपडेट करना होगा. सरकार ने केंद्र और राज्य सरकार के 49000 कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी है.
17 साल का सफर
वर्ष 2000 : कर सुधार को लेकर तत्कालीन वाजपेयी सरकार ने एक कमेटी गठित की
2004 : केलकर कमेटी ने जीएसटी का सुझाव दिया.
2006 : तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने जीएसटी को अप्रैल 2010 से लागू करने का प्रस्ताव रखा . सफलता नहीं मिलने पर इसे अप्रैल 2011 से लागू करने का ऐलान किया गया.
2011 : यूपीए सरकार एक बार फिर इस टैक्स सुधार लागू करने में नाकाम रही और 115वां संविधान संशोधन विधेयक पेश कर विधेयक को स्टैंडिंग कमिटी के पास भेजा गया.
2013: संसद में स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट पेश
2014 : एनडीए सरकार ने प्रयास तेज किया. 122वां संविधान संशोधन बिल पेश.
2016 : जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू करने की तैयारी
सबसे पहले फ्रांस में
दुनियाभर के 160 देशों में जीएसटी कर की प्रणाली लागू है. इनमें एशिया के 19 देश तो यूरोप के 53 देश शामिल हैं. फ्रांस में सबसे पहले 1954 में एकीकृत कर प्रणाली लागू किया गया था.
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