नयी दिल्ली : देश में ऐतिहासिक कर सुधार व्यवस्था ‘जीएसटी’ को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए लोकसभा ने बुधवार को वस्तु व सेवा कर से जुड़े चार विधेयकों को मंजूरी दे दी. ये विधेयक हैं -सेंट्रल जीएसटी (सीजीएसटी), इंटीग्रेटेड जीएसटी (आइजीएसटी), यूनियन टेरिटरीज जीएसटी (यूटीजीएसटी) और जीएसटी मुआवजा कानून.
विधेयक पर करीब नौ घंटे बहस हुई. इसके पास होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- देशवासियों को बधाई. नया साल, नया कानून और नया भारत. अब सरकार जीएसटी के इन विधेयकों को राज्यसभा में विचार-विमर्श के लिए पेश करेगी. धन विधेयक होने के कारण इन चारों विधेयकों पर अब राज्यसभा को केवल चर्चा करने का अधिकार होगा. 31 मार्च को जीएसटी काउंसिल की बैठक में नियमों पर सहमति बनेगी. इससे पहले लोकसभा इन विधेयकों पर बहस की शुरुआत वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की. उन्होंने कहा कि जीएसटी के लागू होने से न महंगाई बढ़ेगी, न ही टैक्स के मौजूदा दरों में इजाफा होगा.
नयी कर प्रणाली में उपभोक्ताओं और राज्यों के हितों को पूरी तरह से सुरक्षित रखने के साथ ही कृषि पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है. विधेयक में अधिकतम 40% जीएसटी रेट, मुनाफाखोरी रोकने के लिए अथॉरिटी बनाने और कर चोरी करने पर गिरफ्तारी जैसे प्रावधान हैं. सरकार पहली जुलाई से देश भर में समान टैक्स प्रणाली लागू करना चाहती है. जीएसटी का उद्देश्य पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं की दर को एक समान रखना है. वित्त मंत्री जेटली ने इसे गेमचेंजर बताते हुए विधेयक के कुछ प्रावधानों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत खाने-पीने के जरूरी चीजों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
अब 30-35% की बजाय 17-18% टैक्स
फिलहाल उपभोक्ता अलग-अलग सामान पर 30 से 35% टैक्स देते हैं. जीएसटी में इन सभी टैक्सेज को एक साथ ला कर 17 या 18% कर दिया जायेगा. इसके बाद सभी राज्यों में सभी सामान एक कीमत पर मिलेगा. जीएसटी लागू होने के बाद सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, एडीशनल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडीशनल कस्टम ड्यूटी, स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम, वैट/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन टैक्स, ऑक्ट्रॉय एंडी एंट्री टैक्स, परचेज टैक्स, लक्जरी टैक्स खत्म हो जायेंगे.
टैक्स के चार स्लैब
जीएसटी व्यवस्था में चार दरें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत तय की गयी है. लग्जरी कारों, बोतल बंद पेय, तंबाकू उत्पाद जैसी अहितकर वस्तुओं व कोयला जैसी पर्यावरण से जुड़ी सामग्री पर उपकर लगेगा.
मुआवजे की व्यवस्था
28 प्रतिशत से अधिक लगने वाला उपकर मुआवजा कोष में जायेगा. इस कोष से उन राज्यों को मदद मिलेंगी, जहां जीएसटी से नुकसान होगा.
घट सकती है कीमत
छोटी कारें, एसयूवी, बाइक, पेंट और सीमेंट, मूवी टिकट, बिजली के सामान (पंखे, बल्ब, वाटर हीटर, एयर कूलर), रोजमर्रा की जरूरत के सामान
महंगे होंगे
सिगरेट, ट्रक जैसे व्यावसायिक वाहन, मोबाइल फोन कॉल, ब्रांडेड कपड़े, ब्रांडेड ज्वेलरी, रेल, बस, हवाई टिकट
एक राष्ट्र एक टैक्स का रास्ता साफ हो गया है़ आजादी के बाद के सबसे बड़े टैक्स रिफार्म से सभी लाभांवित होंगे. प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री समेत सभी सांसदों और आम लोगों को बधाई.
– रघुवर दास, मुख्यमंत्री
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