दोपहिया वाहन खरीदने का शानदार मौका, हीरो, होंडा दे रहा है 12,500 की छूट
नयी दिल्ली : दो पहिया वाहन बनाने वाली हीरो मोटो कार्प तथा होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया ने भंडार को कम करने के लिये बीएस-तीन माडलों पर 12,500रुपये तक की छूट की पेशकश की है. उच्चतम न्यायालय के ऐसे वाहनों की बिक्री और पंजीकरण एक अप्रैल से प्रतिबंधित करने के एक दिन बाद कंपनी ने […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
March 30, 2017 3:35 PM
नयी दिल्ली : दो पहिया वाहन बनाने वाली हीरो मोटो कार्प तथा होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया ने भंडार को कम करने के लिये बीएस-तीन माडलों पर 12,500रुपये तक की छूट की पेशकश की है. उच्चतम न्यायालय के ऐसे वाहनों की बिक्री और पंजीकरण एक अप्रैल से प्रतिबंधित करने के एक दिन बाद कंपनी ने यह कदम उठाया है. डीलरों के अनुसार बीएस-तीन वाहनों पर प्रतिबंध से कुल आठ लाख गाडियां प्रभावित हुई हैं. इसमें 6.71 लाख दो पहिया वाहन हैं. फिलहाल प्रयास छूट देकर समयसीमा से पहले यथासंभव वाहनों को बेचना है.
प्रमुख दो पहिया वाहन कंपनी हीरो मोटो कार्प बीएस-तीन दो पहिया वाहनों पर 12,500 रुपये तक की छूट की पेशकश कर रही है. डीलरों के मुताबिक कंपनी अपने स्कूटर पर 12,500 रुपये , प्रीमियम बाइक पर 7,500रुपये तथा शुरुआती स्तर के मोटरसाइकिलों पर 5,000रुपये की छूट की पेशकश कर रही है.
दूसरी तरफ दूसरे पायदान पर आने वाली होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) बीएस-तीन स्कूटरों तथा मोटरसाइकिलों पर 10,000रुपये तक की छूट दे रही है. दोनों कंपनियों ने कहा कि पेशकश भंडार रहने या 31 मार्च तक के लिये है. फेडरेशन आफ आटोमोबाइल डीलर्स (एफएडीए) के निदेशक (अंतरराष्ट्रीय मामल) निकुंज सांघी ने कहा, ‘‘उद्योग में अबतक इस तरह की छूट कभी सुनने को नहीं मिला. यह पूछे जाने पर कि शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर डीलर क्या कदम उठा रहे हैं, उन्होंने कहा, ‘‘हमारा जोर समयसीमा से पहले यथासंभव अधिक से अधिक वाहनों को बेचने पर है. हमारे लोग संभावित ग्राहकों को कॉल कर रहे हैं और उन्हें छूट के बारे में बता रहे हैं.
उन्होंने कहा कि डीलर समुदाय न्यायालय से भंडार निकालने के लिये समयसीमा बढाये जाने के रुप में कुछ राहत मिलने की उम्मीद कर रहा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में अब जोर जितना हो सके, ऐसे वाहनों की बिक्री पर है. उच्चतम न्यायालय ने कल कहा कि लोगों का स्वास्थ्य विनिर्माताओं के वाणिज्यिक हित से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है. शीर्ष अदालत ने कहा कि वाहन कंपनियां इस बात से पूरी तरह अवगत हैं कि उन्हें एक अप्रैल 2017 से केवल बीएस-4 मानकों वाले वाहनों का ही विनिर्माण करना है लेकिन इसके बावजूद वे स्वयं से कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी.
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