स्नैपडील को कर्ज उपलब्ध नहीं करायेगा सॉफ्ट बैंक, फंडिंग से अचानक हाथ खींचा पीछे
नयी दिल्ली : जापानी निवेशक सॉफ्ट बैंक ने स्नैपडील के मालिक जैस्पर इंफोटेक को 15-20 करोड़ रुपये का कर्ज उपलब्ध नहीं कराने का फैसला किया है. जापान के इस बैंक ने अचानक कर्ज उपलब्ध कराने के मामले में अपना हाथ खींच लिया है. हिंदी के अखबार इकोनॉमिक टाइम्स में सूत्रों के हवाले से प्रकाशित समाचार […]
नयी दिल्ली : जापानी निवेशक सॉफ्ट बैंक ने स्नैपडील के मालिक जैस्पर इंफोटेक को 15-20 करोड़ रुपये का कर्ज उपलब्ध नहीं कराने का फैसला किया है. जापान के इस बैंक ने अचानक कर्ज उपलब्ध कराने के मामले में अपना हाथ खींच लिया है. हिंदी के अखबार इकोनॉमिक टाइम्स में सूत्रों के हवाले से प्रकाशित समाचार में कहा गया है कि इससे ऑनलाइन मार्केटप्लेस के पुराने और नये निवेशकों के बीच बोर्डरूम की लड़ाई तेज हो गयी है. इसके बोर्ड में सात सदस्य हैं. वहीं, स्नैपडील के 33 फीसदी शेयर सॉफ्टबैंक के पास हैं. स्नैपडील के शुरुआती निवेशकों में कलारी कैपिटल (8% हिस्सेदारी) और नेक्सस (10% हिस्सेदारी) वेंचर पार्टनर्स शामिल हैं और अब उनकी सॉफ्टबैंक के साथ तकरार बढ़ गयी है.
अखबार ने लिखा है कि कलारी कैपिटल और नेक्सस वेंचर पार्टनर्स सॉफ्टबैंक के पीछे हटने से काफी गुस्से में हैं. दोनों ने कंपनी को लेकर सॉफ्टबैंक की नीयत पर सवाल उठाये हैं. एक अन्य सूत्र ने कहा कि एक टर्म-शीट ऑफर की गयी थी, जिसमें तीन साल के लिए कर्ज देने की बात कही गयी थी. हालांकि, इसे पेश किये जाने के कुछ दिनों के अंदर वापस ले लिया गया. उसके इस कदम से संकेत मिल रहा है कि सॉफ्टबैंक ने कंपनी को बेचने का मन बना लिया है.
सॉफ्टबैंक की तरफ से बोर्ड में दो सदस्य हैं, जबकि कलारी और नेक्सस के एक-एक सदस्य. जैस्पर के बोर्ड में को-फाउंडर्स कुणाल बहल और रोहित बंसल शामिल हैं. भारती एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन अखिल गुप्ता इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं. सूत्रों ने बताया कि हालिया घटनाक्रम करीब तीन हफ्ते पहले का है. सॉफ्टबैंक ने इस खबर के लिए कॉमेंट करने से मना कर दिया, जबकि जैस्पर, नेक्सस वेंचर पार्टनर्स और कलारी कैपिटल को ईमेल से पूछे गए सवालों का जवाब नहीं मिला.
सूत्रों का कहना है कि स्नैपडील को बेचने या विलय संबंधी सभी डील की बातचीत स्नैपडील की अगुआई में चल रही है. इसमें किसी दूसरे शेयरहोल्डर्स को भागीदार नहीं बनाया गया है. एक सूत्र ने बताया कि आज तक शेयर बिक्री को लेकर सारी बातचीत की अगुआई अकेले सॉफ्टबैंक की तरफ से हो रही थी. दूसरे बोर्ड मेंबर्स को इससे अब तक दूर रखा गया है. जैस्पर के सबसे बड़े स्टेकहोल्डर सॉफ्टबैंक और उसके शुरुआती निवेशकों के बीच तकरार बढ़ने की खबर सबसे पहले बिजनेस न्यूजपेपर मिंट ने 31 मार्च के एडिशन में दी थी.
गौरतलब है कि सॉफ्टबैंक ने जैस्पर में 90 करोड़ डॉलर का निवेश किया है. यह पहली बार नहीं है, जब जैस्पर के बोर्ड सदस्य, खासतौर पर सॉफ्टबैंक, कलारी कैपिटल और नेक्सस के बीच तनातनी सामने आयी है. पिछले दिसंबर में सॉफ्टबैंक ने संभावित मर्जर या कंपनी बेचने की शर्त पर उसमें हर महीने 5 करोड़ डॉलर के निवेश का प्रस्ताव रखा था. कलारी और नेक्सस उसकी शर्तों से सहमत नहीं थे. उन्होंने सॉफ्टबैंक से फंडिंग की गारंटी की मांग की थी. वह ऑफर भी वापस ले लिया गया था.
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