नयी दिल्ली : देश की प्रमुख आइटी कंपनियों में शुमार इंफोसिस इन दिनों काफी चर्चे में है. इंफोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति ने कंपनी के ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) प्रवीण राव के वेतन वृद्धि पर सवाल उठाया है. राव की सैलरी में बेतहाशा बढ़ोतरी पर मूर्ति ने कहा कि राव की सैलरी में की गयी वृद्धि इंफोसिस की निष्पक्षता की परंपरा के खिलाफ है. आपको बता दें कि इंफोसिस बोर्ड ने सीओओ प्रवीण राव की सैलरी बढ़ाकर 4.62 करोड़ रुपये सालाना कर दी है. यही नहीं इसके अलावा टार्गेट आधारित कमाई को 3.87 करोड़ रुपये रखा गया है.
इंफोसिस के निर्णय के अनुसार राव प्रदर्शन-आधारित 4 करोड़ के स्टॉक मुआवजे के योग्य भी होंगे. फरवरी में की गयी इस बढ़ोतरी को 1 नवंबर 2016 से लागू किया गया. बोर्ड के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए नारायण मूर्ति ने कहा है कि राव की सैलरी में की गयी वृद्धि इंफोसिस की निष्पक्षता की परंपरा के खिलाफ जाती है.
मूर्ति ने कहा कि एक ओर जहां मेहनत करने वाले कर्मचारियों को 6-8 प्रतिशत की वेतन वृद्धि दी गयी है, वहीं टॉप लेवल पर 60-70 फीसदी की बढ़ोतरी देना कहीं से उचित नहीं है. नारायण मूर्ति ने आगे कहा कि वो इस बात के हमेशा से पक्ष में रहे हैं कि कंपनी में मुआवजा और इक्विटी को लेकर अंतर कम से कम होना चाहिए. राव को दी गयी हाइक से यह अंतर और बढ़ गया है.
यहां उल्लेख कर दें कि नारायण मूर्ति ने इससे पहले कंपनी के सीइओ विशाल सिक्का की वेतन वृद्धि और दो पूर्व अधिकारियों को दिये गये विदायी पैकेज पर आपत्ति जाहिर की थी.
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