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रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर रखा बरकरार, 7.4 फीसदी आर्थिक वृद्धि का जताया अनुमान

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नये वित्त वर्ष 2017-18 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों को 6.25 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है. इसके साथ ही उसने नये वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है. रिजर्व बैंक ने अपने अनुमान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2017 3:11 PM

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नये वित्त वर्ष 2017-18 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों को 6.25 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है. इसके साथ ही उसने नये वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.4 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है. रिजर्व बैंक ने अपने अनुमान में वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में महंगाई दर 4.1 फीसदी और दूसरी छमाही में 5.0 फीसदी रहने का भी अनुमान जाहिर किया है.

नये वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए रिजर्व बैंक ने वृहत आर्थिक परिदृश्य में सुधार के संकेत भी दिये हैं. रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि मुद्रास्फीति के रुख को लेकर दोनों ओर से जोखिम करीब-करीब एक समान है. इसके साथ ही उन्होंन यह भी कहा कि मॉनसून की अनिश्चितता को लेकर बाजारों में मुद्रास्फीति का दबाव भी बढ़ सकता है.

सरकार की ओर से जुलाई में लागू किये जाने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर रिजर्व बैंक ने यह साफ करते हुए कहा है कि देश में जीएसटी के लागू होने के बाद देश में अचानक मुद्रास्फीति के बढ़ने का भी खतरा मंडरा रहा है. हालांकि, गुरुवार को रिजर्व बैंक की ओर से मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करने के पहले विशेषज्ञों ने भी जीएसटी को लेकर अपनी राय जाहिर की थी.

इस बीच, रिजर्व बैंक की ओर से मौद्रिक नीति समीक्षा पेश किये जाने को लेकर घरेलू शेयर बाजारों में भी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. कारोबार के शुरू होते ही बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स करीब 117 अंकों से अधिक गिरकर शुरू हुआ था. वहीं, 50 शेयरों वाले निफ्टी में भी गिरावट का रुख देखा गया था. शेयर बाजारों पर वैश्विक बाजारों में व्याप्त नरमी के रुख का भी असर देखा जा रहा था.

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