उच्च सदन से भी जीएसटी पास, जानिये उपभोक्ता और छोटे कारोबारियों का क्या होगा ?

नयी दिल्ली :एक देश एक कर के लक्ष्य से लाई जाने वाली वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली को आज उच्च सदन से भी पास कर दिया गया. इस बिल को समर्थन करने के बावजूद आज अधिकतर विपक्षी सदस्यों ने इसके लागू होने पर मुद्रास्फीति बढने की आशंका जताई तथा सरकार से कहा कि इसके लागू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2017 6:01 PM

नयी दिल्ली :एक देश एक कर के लक्ष्य से लाई जाने वाली वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली को आज उच्च सदन से भी पास कर दिया गया. इस बिल को समर्थन करने के बावजूद आज अधिकतर विपक्षी सदस्यों ने इसके लागू होने पर मुद्रास्फीति बढने की आशंका जताई तथा सरकार से कहा कि इसके लागू होने में उपभोक्ताओं एवं छोटे कारोबारियों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए.

उच्च सदन में जीएसटी संबंधी चार विधेयकों पर सम्मिलित चर्चा में भाग लेते हुए माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि यह संविधान के संघीय ढांचे के सिद्धांत से जुडा मामला है. उन्होंने कहा कि सरकार को जीएसटी धन विधेयक के रुप में संसद में नहीं लाना चाहिए क्योंकि यह राज्यों के अधिकारों से भी जुडा मामला है. इसलिए इन विधेयकों पर चर्चा में राज्यसभा को भी पूरा अधिकार मिलना चाहिए.
येचुरी ने जीएसटी के तहत कर की दरों के बारे में सिफारिश करने का अधिकार संसद के अलावा किसी अन्य संस्था को दिए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह संसद का विशेषाधिकार है. उन्होंने कहा कि जीएसटी राज्यों की स्वायत्तता से भी जुडा मामला है. जीएसटी लागू होने के बाद, राज्य सरकारें विभिन्न उद्योगों को प्रोत्साहन के रुप में जो कर राहत देती हैं वे अब समाप्त हो जाएंगी। सरकार को बताना चाहिए कि उसने इस मामले में क्या उपाय किए हैं.
राकांपा के प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि आर्थिक अपराधों से जुडे हर कानून में अब गिरफ्तारी और जब्ती का प्रावधान किया जाता है. उन्होंने कहा कि इन प्रावधानों के दुरुपयोग होने की आशंका बनी रहती है. उन्होंने कहा कि जीएसटी में इस तरह के प्रावधानों पर पुनर्विचार किए जाने की जरुरत है क्योंकि इस तरह के प्रावधानों से देश का आर्थिक माहौल बिगडता है.
उन्होंने जीएसटी के एक देश एक कर के लक्ष्य की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि इसमें बिजली की दरों को भी शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हमारे देश में राष्ट्रीय ग्रिड हो सकती है और राज्य परस्पर बिजली खरीद या बेच सकते हैं तो बिजली की समान दर क्यों नहीं हो सकती.
पटेल ने पेट्रोलियम पदार्थों पर भी समान कर दर लगाए जाने की पैरवी की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कई तेलशोधक कारखाने हैं, कच्चा तेल भी निकाला जाता है किंतु पेट्रोल और डीजल के मूल्य राज्य में दिल्ली की तुलना में आठ से दस रुपये प्रति लीटर अधिक हैं.उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के समय छोटे कारोबारियों और आम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जानी चाहिए.
जदयू के शरद यादव ने जीएसटी का समर्थन करते हुए कहा कि इसे लागू करते समय लघु एवं मध्यम उद्योगों के हितों की रक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के लोगों ने उन्हें बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद उन्हें 35 दस्तावेज दाखिल करने पडेंगे. उन्होंने कहा कि देश के हर क्षेत्र में इस तरह की आधारभूत सुविधाएं नहीं हैं कि छोटे कारोबारी समय पर इन दस्तावेजों को लागू करवा सकें.
उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू करने के लिए जो कंपनी ‘जीएसटीआईएन’ बनाई गई है उसमें निजी हाथों के बजाय राष्ट्रीयकृत बैंकों को अधिक अधिकार दिए जाने चाहिए. यादव ने वित्त मंत्री से कहा कि जीएसटी लागू करते समय आम उपभोक्ताओं के साथ साथ बिस्कुट उद्योग के लोगों के हितों की भी रक्षा की जानी चाहिए.
बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा ने जीएसटी का समर्थन करते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि इस विधेयक को लागू करते समय देश के छोटे छोटे व्यापारियों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए. मिश्रा ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले वर्ष में छोटे व्यापारियों को प्रावधानों को लागू करने के मामले में थोडी राहत दी जानी चाहिए. सपा के सुरेन्द्र नागर ने जीएसटी का समर्थन करते हुए आशंका जताई कि इसके लागू होने के बाद देश में मुद्रास्फीति पर प्रभाव पड सकता है. उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि इसके लागू होने के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर क्या प्रभाव पडेगा.

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