सरकारी तेल कंपनियों की चली, तो सोने की तरह पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोज हो सकता है बदलाव
नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की अगर चल गयी, तो देश में सर्राफा बाजार के सोना की तरह पेट्रोल-डीजल के दामों में भी रोजाना बदलाव हो सकता है. सरकारी तेल कंपनियां विकसित देशों की तरह पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में हर दिन समीक्षा करने की योजना बना रही हैं. इन सरकारी कंपनियों […]
नयी दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों की अगर चल गयी, तो देश में सर्राफा बाजार के सोना की तरह पेट्रोल-डीजल के दामों में भी रोजाना बदलाव हो सकता है. सरकारी तेल कंपनियां विकसित देशों की तरह पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में हर दिन समीक्षा करने की योजना बना रही हैं. इन सरकारी कंपनियों की ओर से ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है, क्योंकि वे घरेलू बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में हर दिन होने वाले बदलाव की तरह करना चाह रही हैं. वर्तमान नियमों के अनुसार, फिलवक्त देश में प्रत्येक 15 दिनों पर सरकारी और निजी तेल कंपनियों की ओर से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों की समीक्षा की जाती है.
विकसित देशों की तरह भारत में भी जिन तेल कंपनियों की ओर से हर दिन पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों की समीक्षा करने की बात की जा रही है, उनमें इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का नाम सामने आ रहा है. इन तीन कंपनियों का देश के 95 फीसदी पेट्रोलियम बाजारों पर कब्जा है. इन तीनों कंपनियों के आला अफसरों का कहना है कि ये कंपनियां तेल की कीमतों की हर दिन समीक्षा करने के तौर-तरीकों पर आपस में विचार-विमर्श कर रही हैं.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, देश की तीन दिग्गज तेल उत्पादक कंपनियों के आला अफसरों ने अभी हाल ही में इस योजना को लेकर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात भी की है. पेट्रोलियम मंत्री से भेंटवार्ता करने वाले अफसरों में शामिल एक अफसर ने बताया कि ईंधन की कीमतों की रोजाना समीक्षा करने के मसले पर सरकार के साथ इन कंपनियों के आला अफसरों की लंबे समय से बातचीत चल रही है.
उनका कहना है कि इस समय हमारे पास हर दिन तेल की कीमतों की समीक्षा करने के लायक तकनीक भी उपलब्ध है. उनका कहना है कि ऑटोमेशन सिस्टम, डिजिटल टेक्नोलॉजी और सोशल नेटवर्क से देश में करीब 53 हजार पेट्रोल पंपों को लैस कर दिया है. इस कारण तेल की कीमतों की समीक्षा करने की विधि को लागू में सरकार को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होनी चाहिए.
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