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शेल कंपनी मामले में बैंक अधिकारियों पर मामला दर्ज, 16 ठिकानों पर ली गयी तलाशी

नयी दिल्ली : सीबीआई ने नोटबंदी के बाद ऐक्सिस बैंक में कथित शेल कंपनियों के खातों में कथित रूप से करीब 100 करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोट जमा करने के आरोप में 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अहमदाबाद में 16 ठिकानों पर तलाशी ली. आरोपियों में एक्सिस बैंक के कर्मी […]

नयी दिल्ली : सीबीआई ने नोटबंदी के बाद ऐक्सिस बैंक में कथित शेल कंपनियों के खातों में कथित रूप से करीब 100 करोड़ रुपये मूल्य के पुराने नोट जमा करने के आरोप में 12 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अहमदाबाद में 16 ठिकानों पर तलाशी ली. आरोपियों में एक्सिस बैंक के कर्मी शामिल हैं. ऐक्सिस बैंक की मेमनगर शाखा में कथित शेल कंपनियों के खातों में 100.57 करोड़ रुपये की नकदी जमा करना पिछले साल आठ नवंबर के बाद जारी की गयी रिजर्व बैंक की अधिसूचनाओं का उल्लंघन है. तब सरकार ने अचानक एक फैसले में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया था.

सीबीआई ने शाखा प्रबंधक यश मेहता, परिचालन प्रमुख अभिमन्यु सिंह नरुका और ग्राहक संपर्क अधिकारी रीता कुमार एवं नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया. एजेंसी की टीमों ने अहमदाबाद में आरोपियों के कार्यालयों और घरों सहित 16 ठिकानों पर तलाशी ली. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि नकदी से संबंधित तीन समूह थे, जो बैंक में कथित शेल कंपनियों के खातों में चलन से बाहर हो चुके 500 और 1,000 के पुराने नोट जमा कर रहे थे.

जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि ऐक्सिस बैंक के अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पिछले साल नवंबर और दिसंबर के बीच शेल कंपनियों के खाते में अनधिकृत तरीके से बडी रकम की लेन-देन की अनुमति दी. उन्होंने बताया कि बैंक अधिकारियों ने कथित तौर पर केवाईसी मानकों और धन शोधन प्रावधानों का दुरुपयोग किया और 100.57 करोड़ रुपये तक की रकम जमा करने की अनुमति देने में उचित कर्मठता का परिचय नहीं दिया. सूत्रों ने बताया कि इन रकमों को कथित तौर पर पिछले साल नवंबर और दिसंबर के बीच काला धन को सफेद बनाने के लिए जमा कराया गया.

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा : बंद नोटों को बदलने की अब कोई गुंजाइश नहीं

उघर, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि उसने 500 और 1,000 रुपये के चलन से बाहर हो चुके पुराने नोटों को बदलने की समय सीमा पिछले साल 30 दिसंबर से आगे नहीं बढ़ाने का फैसला सोच समझकर किया है, जबकि अप्रवासी भारतीयों के लिए यह समय सीमा इस साल 31 मार्च थी, जो अब खत्म हो गयी. सरकार ने कहा कि वह बंद हो चुके नोट जमा करने के लिए अतिरिक्त अवधि देने के लिए नयी अधिसूचना लाने को लेकर कानूनी रुप से बाध्य नहीं है.

सरकार ने अदालत को दिया छापेमारी का ब्योरा

सरकार ने साथ ही नोटबंदी की अवधि के दौरान एवं उसके बाद विधि प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा मारे गए छापे एवं की गयी बरामदगी का ब्योरा भी दिया. उसने अदालत के सामने दावा भी किया है कि छापेमारी के दौरान पूरे देश से करीब 5,400 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति का भी पता चला है. सरकार ने एक शपथपत्र में यह सब कहा, जो उसने पुराने नोट रिजर्व बैंक में जमा कराने के लिए अप्रवासी भारतीयों एवं नोटबंदी की अवधि में विदेश गये लोगों को दी गयी अतिरिक्त अवधि की तरह ही और समय देने की मांग को लेकर नागरिकों एवं एक कंपनी द्वारा दायर याचिकाओं के जवाब में दायर किया.

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