23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत के वित्तीय अनुशासन के रास्ते पर बने रहने से सुधरेगा साख परिदृश्य : मू‍डीज

नयी दिल्ली : मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसिज ने कहा कि यदि भारत वित्तीय अनुशासन के रास्ते पर आगे बढ़ता है तथा एफआरबीएम की सिफारिशों के अनुरुप वित्तीय परिषद का गठन करता है तो उसके साख परिदृश्य में सुधार आयेगा. वित्तीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि राजकोषीय घाटे […]

नयी दिल्ली : मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसिज ने कहा कि यदि भारत वित्तीय अनुशासन के रास्ते पर आगे बढ़ता है तथा एफआरबीएम की सिफारिशों के अनुरुप वित्तीय परिषद का गठन करता है तो उसके साख परिदृश्य में सुधार आयेगा. वित्तीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि राजकोषीय घाटे को 2022-23 तक 2.5 प्रतिशत पर लाया जाना चाहिए, जिसके चालू वित्त वर्ष के दौरान 3.2 प्रतिशत रहने का बजट अनुमान रखा गया है.

सरकार की कुल व्यय और प्राप्तियों का अंतर राजकोषीय घाटा कहलाता है. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज इंडिया के सॉवरेन विश्लेषक विलिमय फॉस्टर ने कहा कि एफआरबीएम की सिफारिशों के दायरे में वित्तीय अनुशासन का क्रियान्वयन तथा वित्तीय परिषद के गठन से समय के साथ ऋण का बोझ कम होगा और इससे भारत का साख परिदृश्य सुधरेगा.

पूर्व राजस्व सचिव एन के सिंह की अगुवाई वाली समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि 2023 तक केंद्र के ऋण-जीडीपी अनुपात को 40 प्रतिशत पर लाया जाना चाहिए जो अभी 49 प्रतिशत है. वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार का कुल रिण-जीडीपी अनुपात 68.5 प्रतिशत पर है. रेटिंग एजेंसियां अक्सर भारत के ऋण-जीडीपी के ऊंचे अनुपात को लेकर ही रेटिंग सुधारने में आनाकानी करती रही हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें