सुप्रीम कोर्ट ने एंबी वैली बेचने की दी मंजूरी, सहारा प्रमुख को 28 अप्रैल को पेश होने का दिया आदेश
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज बंबई उच्च न्यायालय के आधिकारिक परिसमापक आफिशल लिक्विडेटर) से कहा कि सहारा समूह के स्वामित्व वाली लोनावला स्थित एंबी वैली की 34 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को बेच दे. इसके साथ ही न्यायालय ने सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय को 28 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से […]
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आज बंबई उच्च न्यायालय के आधिकारिक परिसमापक आफिशल लिक्विडेटर) से कहा कि सहारा समूह के स्वामित्व वाली लोनावला स्थित एंबी वैली की 34 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को बेच दे. इसके साथ ही न्यायालय ने सहारा समूह के मुखिया सुब्रत राय को 28 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है.
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न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति ए के सिकरी की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सहारा समूह द्वारा पांच हजार करोड़ रुपये जमा नहीं किये जाने पर कड़ा रुख अपनाते हुये कहा, ‘बहुत हो चुका. ऐसा नहीं हो सकता कि आप आज कुछ कहें और कल इससे मुकर जायें.’
पीठ ने सुब्रत राय को न्यायालय के आदेश से खिलवाड़ करने के प्रति भी आगाह किया और कहा कि उसके आदेशों पर अमल नहीं करने की स्थिति में उन्हें कानून के कोप का सामना करना पड़ेगा और अंतत: यह सब उनके अपने जोखिम पर होगा. पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय से संबद्ध आधिकारिक परिसमापक से कहा कि एंबी वैली की संपत्तियों को नीलाम कर दिया जाये और सीधे तौर इस बारे में उसे सूचित किया जाये.
यह संपत्ति करीब 34 हजार करोड़ रुपये की होने का अनुमान है. न्यायालय ने राय और उसके समूह तथा सेबी को निर्देश दिया कि इन संपत्तियों से संबंधित सारी जानकारी 48 घंटे के भीतर आधिकारिक परिसमापक को मुहैया करायी जाये. इस बीच, शीर्ष अदालत ने प्रकाश स्वामी को भारत से बाहर जाने से रोक दिया है.
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प्रकाश स्वामी ने अमेरिका में सहारा होटल की बिक्री के बारे में हलफनामा दाखिल किया था. न्यायालय ने स्वामी को निर्देश दिया है कि वह सेबी के पास दस करोड़ रुपये जमा कराये. न्यायालय ने कहा कि स्वामी को भी 28 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना है.
शीर्ष अदालत ने 6 अप्रैल को सहारा समूह को चेतावनी दी थी कि यदि 17 अप्रैल तक वह 5092.6 करोड़ रुपये सेबी-सहारा के खाते में जमा कराने में विफल रहा तो न्यायालय को मजबूर होकर उसकी एंबी वैली की संपत्ति को नीलाम करना पड़ेगा. न्यायालय ने यह भी कहा था कि इसके बाद सहारा समूह को यह रकम जमा कराने के लिये और समय नहीं दिया जायेगा.
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