चिदंबरम ने प्रभु पर साधा निशाना, बोले – भाजपा के शासनकाल में सबसे खराब रहा रेलवे का परिचालन अनुपात

नयी दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेलवे की समस्या बहुत गंभीर है. इसका संचालन सरकारी विभाग की तरह नहीं किया जा सकता है. उन्होंने पिछले वित्त वर्ष में रेलवे के खराब परिचालन अनुपात के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की. ट्विटर पर चिदंबरम ने कहा कि पिछले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2017 1:29 PM

नयी दिल्ली : पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि भारतीय रेलवे की समस्या बहुत गंभीर है. इसका संचालन सरकारी विभाग की तरह नहीं किया जा सकता है. उन्होंने पिछले वित्त वर्ष में रेलवे के खराब परिचालन अनुपात के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की. ट्विटर पर चिदंबरम ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष साल 2016-17 में सार्वजनिक परिवहन रेलवे का परिचालन का अुनपात बेहद खराब रहा. इससे पहले पिछला सबसे खराब परिचालन अनुपात साल 2000-2001 का था. दोनों ही समय भाजपा की सरकार थी और दोनों ही समय मंत्री के इरादे नेक थे. रेलवे की समस्या गंभीर है. इसे सरकारी विभाग की तरह नहीं चलाया जा सकता.

इसे भी पढ़ें : चिदंबरम ने सरकारी गोदाम से जारी चावल के उंचे दाम को सही ठहराया

बता दें कि परिचालन अनुपात यह दिखाता है कि रेलवे एक रुपया कमाने में कितना खर्च करता है. परिचालन अनुपात 94.9 का मतलब है कि रेलवे 100 पैसा (एक रुपया) कमाने के लिए 94.9 पैसा खर्च करता है. परिचालन अनुपात का कम आंकड़ा अच्छा माना जाता है और यह अच्छे वित्त वर्ष का सूचक होता है. पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले साल 2016-17 के वित्त-वर्ष में गिरावट देखी गयी, जो रेलवे के अधिक परिचालन लागत को दिखाता है. रेल राज्य मंत्री राजन गोहेन ने लोक सभा में एक लिखित जवाब में बताया था कि साल 2016-17 में रेलवे का परिचालन अनुपात 94.9 होने का अनुमान है.

हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि अंतिम आंकडा आने तक यह अस्थायी आंकड़ा है. इससे पहले साल 2000-01 वित्त वर्ष में रेलवे का सबसे खराब परिचालन अनुपात था, तब परिचालन अनुपात 98 फीसदी था. रेलवे में 80 फीसदी या इससे नीचे वाले परिचालन अनुपात को अच्छा माना जाता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version