सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी को होटल ताज मानसिंह की ई-नीलामी की दी मंजूरी

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी को राजधानी दिल्ली के बीचोंबीच स्थित होटल ताज मानसिंह की ई-नीलामी के लिए गुरुवार को जूरी दे दी है. टाटा समूह की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) वर्तमान में इसका संचालन कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पीसी घोष और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की पीठ ने नयी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2017 1:54 PM

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी को राजधानी दिल्ली के बीचोंबीच स्थित होटल ताज मानसिंह की ई-नीलामी के लिए गुरुवार को जूरी दे दी है. टाटा समूह की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल) वर्तमान में इसका संचालन कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश पीसी घोष और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की पीठ ने नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) की याचिका को मंजूर कर लिया कि टाटा समूह की कंपनी के पास होटल की ई-नीलामी से इनकार करने का अधिकार नहीं हो सकता.

हालांकि, पीठ ने एनडीएमसी से कहा कि अगर टाटा समूह ई-नीलामी में हार जाता है, तो वह होटल खाली करने के लिए कंपनी को छह माह का वक्त दे. पीठ ने यह भी कहा कि एनडीएमसी को इस ऐतिहासिक संपत्ति की ई-नीलामी करते वक्त टाटा समूह की कंपनी आईएचसीएल के बेदाग इतिहास को भी ध्यान में रखना चाहिए. एनडीएमसी ने तीन मार्च को शीर्ष न्यायालय से कहा था कि वह होटल की ई नीलामी करना चाहती है.

शीर्ष न्यायालय ने होटल की नीलामी मंजूर करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने पर आईएचसीएल से एक सप्ताह के भीतर अपनी आपत्तियां, अगर कोई हों तो उन्हें दाखिल करने के लिए कहा था. आईएचसीएल ने अपनी याचिका में कहा था कि यह स्पष्ट नहीं है कि एनडीएमसी उस संपत्ति को नीलाम क्यों करना चाहती है, जिसने उसे सर्वश्रेष्ठ राजस्व दिया है. कंपनी ने कहा कि एनडीएमसी विशेषज्ञ रिपोर्ट में भी कहा गया है कि अगर होटल को किसी दूसरी पार्टी को नीलाम किया गया, तो परिषद राजस्व खो देगी.

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सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष 21 नवंबर को अपने आदेश में होटल ताज मानसिंह की नीलामी में यथास्थिति बनाये रखने को कहा था. आईएचसीएल ने होटल की नीलामी को हरी झंडी देने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ शीर्ष न्यायालय में आठ नवंबर को अपील की थी.

गौरतलब है कि यह एनडीएमसी की संपत्ति है जिसे आईएचसीएल को 33 साल के पट्टे पर दिया गया था. पट्टे की यह अवधि 2011 में समाप्त हो गयी, जिसके बाद अनेक आधार पर कंपनी को नौ अस्थायी विस्तार दिये जा चुके हैं, जिनमें से तीन एक्टेंशन तो पिछले साल ही दिये गये थे.

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