रेंट टू ऑन स्कीम: किस्त दें, किराये का घर हो सकता है अपना!

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार जल्द ही एक ऐसी रेंटल पॉलिसी लॉन्च करने जा रही है, जिसके तहत शहर में आनेवाले प्रवासी लोगों को सरकारी संस्थाओं से मकान किराये पर लेने की सुविधा होगी. भविष्य में उनके पास इस किराये के मकान को ही आसान किस्तों में पूरी कीमत चुका कर खरीदने का विकल्प भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2017 8:22 AM

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार जल्द ही एक ऐसी रेंटल पॉलिसी लॉन्च करने जा रही है, जिसके तहत शहर में आनेवाले प्रवासी लोगों को सरकारी संस्थाओं से मकान किराये पर लेने की सुविधा होगी. भविष्य में उनके पास इस किराये के मकान को ही आसान किस्तों में पूरी कीमत चुका कर खरीदने का विकल्प भी होगा.

इस स्कीम का नाम ‘रेंट टू ऑन’ होगा, जिसे नेशनल अर्बन रेंटल हाउसिंग पॉलिसी के तहत लॉन्च किया जायेगा. केंद्रीय शहरी विकास व आवास मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि विधेयक को मंजूरी के लिए जल्द ही कैबिनेट के समक्ष पेश किया जायेगा. सरकार निजी बिल्डरों की ओर से बनाये जा रहे सस्ते घरों पर भी सब्सिडी देने पर विचार कर रही है. वहीं निजी जमीन पर बने घरों को खरीदने के लिए सरकार गरीबों को 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी देने की योजना पर काम कर रही है.

घर की कीमत के हिसाब से तय होगी किस्त

स्कीम के तहत पहले कुछ सालों के लिए सरकार घर को लीज पर देगी. घर की कीमत के हिसाब से हर महीने की किस्त तय होगी. घर की इएमआइ के बराबर पैसा प्रत्येक माह बैंक में जमा करना होगा. इसमें से कुछ पैसे किराये के रूप में जमा होंगे. कुछ सरकार के पास अलग खाते में जमा होंगे. जब यह जमा की गयी कुल राशि (किराया और सरकार के पास जमा) घर की कीमत की दस फीसदी हो जायेगी, तब घर की रजिस्ट्री संबंधित किरायेदार के नाम कर दी जायेगी. यदि लीज पर लेनेवाला व्यक्ति रकम जमा नहीं कर पाता है, तो सरकार इस मकान को फिर से बेच देगी. किराये के साथ अलग खाते में जमा की जाने वाली राशि किरायेदार को बिना ब्याज के वापस लौटा दी जायेगी.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version