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बाबा रामदेव को झटका, सेहत के लिए ठीक नहीं हैं पतंजलि के आंवला जूस, आर्मी कैंटीन में बिक्री पर लगी रोक

मुंबई : योग गुरु बाबा रामदेव की 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को सेना के कैंटीन डिपार्टमेंट से बड़ा झटकालगा है. कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट ने अपनी कैंटीन में पतंजलि आयुर्वेद के आंवला जूस की बिक्री पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही बाबा रामदेव की कंपनी एक बार फिर विवादों […]

मुंबई : योग गुरु बाबा रामदेव की 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को सेना के कैंटीन डिपार्टमेंट से बड़ा झटकालगा है. कैंटीन स्टोर्स डिपार्टमेंट ने अपनी कैंटीन में पतंजलि आयुर्वेद के आंवला जूस की बिक्री पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही बाबा रामदेव की कंपनी एक बार फिर विवादों में घिरती दिख रही है.

आंवला जूस के बैच की कोलकाता की सेंट्रल फूड लैबोरेटरी में जांच की गयी, तो उत्पाद को उपयोग के लिए ठीक नहीं पाया गया. इसके बाद सीएसडी ने इस उत्पाद की बिक्री पर रोक लगा दी. पतंजलि ने आर्मी की सभी कैंटीनों से आंवला जूस वापस ले लिया है.

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ज्ञात हो कि इसी लैबोरेटरी ने मैगी के नूडल्स में तय मात्रा से अधिक शीशा की रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद मल्टीनेशनल कंपनी को मैगी के अपने उत्पाद बाजार से वापस लेने पड़े थे. कंपनी को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था. हालांकि, बाद में कंपनी ने कानूनी लड़ाई जीती और फिर अपने उत्पाद बाजार में उतारे.

बहरहाल, सीएसडी की ओर सेतीन अप्रैल, 2017 को जारी एक पत्र में सभी डिपो को निर्देशित किया गया है कि मौजूदा स्टॉक के लिए वे सभी एक डेबिट नोट बनायें, ताकि उसे लौटाया जा सके. आंवला का जूस पतंजलि आयुर्वेद के शुरुआतीउत्पादों मेंशामिलहै.

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आंवला जूस की सफलता के बाद ही कंपनी ने दो दर्जन से ज्यादा वर्गों में अपने उत्पाद बाजार में उतारे थे.योग गुरु की कंपनी का दावा था कि उनका उत्पाद अन्य कंपनियों के उत्पादों के मुकाबले सेहत के लिए सस्ता और ज्यादा मुफीद है.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि योग गुरु की कंपनी कई बार नीति नियामक संस्थानों से टकरा चुकी है. हाल ही में जब मैगी के नूडल्स तय मात्रा से अधिक शीशा पाये जाने पर बाजार से बाहर हुई थी, तो बाबा ने आटा नूडल्स बाजार में उतार दिया था. जरूरी लाइसेंस लिये बिना उत्पाद को बाजार में उतारने के लिए और अपनेखाद्यतेल को बेचने के लिए भ्रामक विज्ञापन चलाने के लिए एफएसएसएआइ ने उन्हें आड़े हाथों लिया था.

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बाबा की कंपनी को लगेगी करोड़ों की चपत!
सेना ने अपने जवानों और अधिकारियों को सस्ता सामान उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 1948 में सीएसडी की स्थापना की थी. वर्तमान में यह संस्था अपने 34 डिपोट और 3,901 यूनिट के जरिये भारतीय सुरक्षा बलों से जुड़े 1.2 करोड़ लोगों को इस कैंटीन के जरिये 5,300 उत्पादों की बिक्री करती है. कंज्यूमर प्रोडक्ट कंपनियों की कुल बिक्री में सीएसडी कैंटीन की हिस्सेदारी पांच से सात फीसदी के बीच है. आर्मी कैंटीन में पतंजलि के उत्पादों की अच्छी खासी बिक्री होती थी. एक उत्पाद के जांच में फेल होने के बाद कंपनी के अन्य उत्पादों की भी जांच हो सकती है, जिससे बाबा की कंपनी को बड़ी चपत लगने की आशंका है.

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