सेबी के प्रतिबंध के खिलाफ रिलायंस की याचिका पर सुनवाई करेगा प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण
मुंबई : प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की याचिका को सुनवाई के लिए बुधवार को स्वीकार कर लिया है. रिलायंस ने यह याचिका पूंजी बाजार नियामक सेबी के एक आदेश के खिलाफ दायर की है. सेबी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज पर एक मामले में इक्विटी डेरिवेटिव बाजार में कारोबार करने से एक साल की […]
मुंबई : प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की याचिका को सुनवाई के लिए बुधवार को स्वीकार कर लिया है. रिलायंस ने यह याचिका पूंजी बाजार नियामक सेबी के एक आदेश के खिलाफ दायर की है. सेबी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज पर एक मामले में इक्विटी डेरिवेटिव बाजार में कारोबार करने से एक साल की रोक लगायी है. मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का कहना है कि उस पर से प्रतिबंध तुरंत हटाया जाना चाहिए, ताकि वह म्यूचुअल फंड सहित पूंजी बाजार में अपनी अधिशेष राशि को निवेश कर सके.
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कंपनी के अधिवक्ता हरीश साल्वे ने अदालत से आग्रह किया कि कोई आदेश पारित होने तक कंपनी को कम से कम उसकी अधिशेष राशि का स्थापित म्यूचुअल कोषों में निवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए. सैट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से कहा है कि वह सेबी को उन म्यूचुअल फंड की सूची सौंपे, जिनके जरिये वह शेयरों के वायदा एवं विकल्प कारोबार में निवेश करना चाहती है.
गौरतलब है कि 10 साल पुराने एक मामले में पूंजी बाजार नियामक सेबी ने 24 मार्च को रिलायंस इंडस्ट्रीज और 12 अन्य पर वायदा एवं विकल्प बाजार में सौदे करने से एक साल के लिए रोक लगा दी थी. रिलायंस को अनुचित तरीके से हासिल 447 करोड़ रुपये की राशि और उस पर 29 नवंबर 2007 से 12 फीसदी सालाना दर से ब्याज सहित पूरी राशि लौटाने को कहा गया है.
ब्याज सहित यह राशि कुल मिलाकर 1,000 करोड़ रुपये के आसपास पहुंच जायेगी. यह मामला रिलायंस की पूर्ववर्ती सूचीबद्ध कंपनी रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड के शेयरों में कथित तौर पर धोखाधडी पूर्ण वायदा एवं विकल्प कारोबार से जुड़ा है.
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