नयी दिल्ली. बाबा रामदेव की अगुवाई वाली रोजमर्रा के इस्तेमाल के उत्पाद का कारोबार करनेवाली पतंजलि ने चालू वित्त वर्ष में अपनी बिक्री दो गुना कर 20,000 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा है. पतंजलि देशभर में वितरण नेटवर्क में वितरकों की संख्या दोगुना कर 12000 करने की भी योजना बनायी है. इसके अलावा कंपनी बाजार में अपनी उपस्थिति और मजबूत करना तथा ज्यादातर उत्पाद श्रेणियों में अगुवाई करना चाह रही है. हरिद्वार की इस कंपनी ने 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में 10,561 करोड़ रुपये का कारोबार किया.
योगगुरु रामदेव ने गुरुवारको कहा, ‘हम इस साल और दोगुनी रफ्तार से बढ़ेंगे. अगले साल पतंजलि ज्यादातर उत्पाद श्रेणियों में अग्रणी रहेगी. यह नंबर एक होगी.’ कंपनी नोएडा, नागपुर और इंदौर समेत कई स्थानों पर बड़ी उत्पादन इकाइयां लगा रही है जिससे उसकी उत्पादन क्षमता वर्तमान 35,000 करोड़ रुपये से बढ़ कर 60,000 करोड़ रुपये की हो जायेगी. योगगुरु ने कहा, ‘हमारी नोएडा इकाई की उत्पादन क्षमता 20,000 करोड़ रुपये की, नागपुर की 15,000-20,000 करोड़ रुपये की तथा इंदौर की 5,000 करोड रपये की होगी.’ कंपनी देशभर में अधिकाधिक ग्राहकों तक पहुंचने के लिए अपना वितरण नेटवर्क भी मजबूत बना रहा है.
रामदेव ने कहा, ‘हम अपने वितरक नेटवर्क को 6,000 से बढ़ा कर 12000 करेंगे.’ इस वित्त वर्षमें कंपनी मसालों, दालों, वनस्पति तेलों, बिस्कुटों, कंफेक्शनरी और जूसों जैसी श्रेणियों में अपना ध्यान बढ़ना चाह रही है तथा इन श्रेणियों में और उत्पादों को शामिल करना चाह रही है. वित्त वर्ष 2016-17 में पतंजलि आयुर्वेद ने अपने कारोबार में 9,634 करोड़ रुपये का योगदान दिया था, जबकि दिव्य फार्मेसी ने 870 रुपये की बिक्री की थी. इस वित्त वर्ष में पतंजलि घी ने 1,467 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जबकि दंतकांति टूथपेस्ट ने 940 करोड़ रुपये का कारोबार किया. केशकांति की 825 करोड़ रुपये की बिक्री रही, जबकि हर्बल साबुन का कारोबार 574 करोड़ रुपये का रहा.
उन्होंने कहा, ‘दंतकांति का अब इस श्रेणी में बाजार में 14 फीसदी हिस्सेदारी है. शहद ने 350 करोड़ रुपये का कारोबार किया और वह इस साल बढ़ कर 500-600 करोड़ तक बढ़ेगी. हमारी कच्ची घानी सरसों तेल ने करीब 522 करोड़ रुपये का कारोबार किया और वह बढ़ कर 1000 करोड़ रुपये तक पहुंचेगी.’ कंपनी के अनुसार अब उसका बाजार में शैंपू में 15 फीसदी, फेसवाशमें 14 फीसदी, डिशवाशर में 35 फीसदी और शहद में 50 फीसदी शेयर है.
पतजंलि के मुख्य कार्यकारी आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि कंपनी देशभर में पांच विनिर्माण सुविधाओं के निर्माण के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. जब रामदेव से पूछा गया कि क्या कंपनी इस साल किसी नये उत्पाद की श्रेणी में उतरने जा रही है तो रामदेव ने कहा, ‘इस साल हम अपनी वर्तमान श्रेणियों को बढ़ाने पर ध्यान देंगे.’ रामदेव ने यह आलोचना भी खारिज कर दी कि कंपनी विनिर्माण का आउटसोर्स करती है. उन्होंने कहा, ‘हमारे 99 फीसदी उत्पाद अपने यहां बने हुए हैं. लोग पतंजलि के बारे में अफवाह फैलाते हैं. हमारी करीब 35,000 करोड़ रुपये की उत्पादन क्षमता है.’
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