सरकार का यात्री सेवा शुल्क में बढ़ोतरी पर विचार, महंगी हो सकती है हवाई यात्रा
नयी दिल्ली : विमान यात्रियों द्वारा दिये जाने वाले यात्री सेवा शुल्क (पीएसएफ) में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है. इसकी वजह यह है कि सरकार सुरक्षा और सुगमता शुल्कों में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है. यदि ऐसा होता है तो हवाई यात्रा की टिकटें कुछ महंगी हो सकती हैं. एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद […]
नयी दिल्ली : विमान यात्रियों द्वारा दिये जाने वाले यात्री सेवा शुल्क (पीएसएफ) में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है. इसकी वजह यह है कि सरकार सुरक्षा और सुगमता शुल्कों में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है. यदि ऐसा होता है तो हवाई यात्रा की टिकटें कुछ महंगी हो सकती हैं. एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद नागर विमानन मंत्रालय से हवाई अड्डों पर सुरक्षा प्रबंध की लागत निकालने के लिए तरीके ढूंढने को कहा गया है.
इस बैठक में गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू, नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल शामिल हुए. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय से भी यह पता लगाने को कहा गया है कि देश में 143 कामकाज वाले हवाई अड्डों की सालाना सुरक्षा लागत कितना बैठेगी.
इन दोनों मंत्रालयों से रिपोर्ट दो महीने में आने की उम्मीद है. उसके बाद पीएसएफ में वृद्धि पर फैसला किया जायेगा. देश में प्रत्येक विमान यात्री को सुरक्षा शुल्क के रूप में 130 रुपये देने पड़ते हैं. यह एयरलाइंस द्वारा टिकट की बिक्री करते समय लिए जाने वाले 225 रुपये के पीएसएफ शुल्क का हिस्सा होता है.
एक अधिकारी ने कहा कि पिछले 15 साल से 130 रुपये के सुरक्षा शुल्क में इजाफा नहीं हुआ है. अब जबकि देश में हवाई अड्डों की सुरक्षा लागत कई गुना बढ चुकी है, इस बात की संभावना बनती है कि इसमें बढ़ोतरी होगी. फिलहाल इस बात पर एक राय नहीं है कि देश में हवाई अड्डों पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की सुरक्षा प्रदान करने के लिए गृह मंत्रालय के 800 करोड़ रुपये के बिल का बोझ कौन उठायेगा.
नागर विमानन मंत्रालय की दलील है कि सुरक्षा सरकार का कामकाज है, ऐसे में यह पैसा देश के संचित निधि से आना चाहिए. वहीं वित्त मंत्रालय का कहना है कि इसका बोझ विमान यात्रियों पर डाला जाना चाहिए.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.