महिलाओं को मिला सम्मान : उज्जवला योजना के तहत एक साल में बांटे गये 2.2 करोड़ एलपीजी कनेक्शन
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 2016-17 में तय लक्ष्य से अधिक गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराया गया. एक मई, 2016 को शुरू की गयी योजना के तहत 1.5 करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य था, लेकिन यह संख्या 2.2 करोड़ पहुंच गयी है. महिलाओं को मिला सम्मान, […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत 2016-17 में तय लक्ष्य से अधिक गरीब परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराया गया. एक मई, 2016 को शुरू की गयी योजना के तहत 1.5 करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य था, लेकिन यह संख्या 2.2 करोड़ पहुंच गयी है. महिलाओं को मिला सम्मान, यही है उज्जवला की पहचान’ को रेखांकित करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस दौरान तेल कंपनियों ने देश में 3.25 करोड़ नये गैस के कनेक्शन मुहैया कराये और एक साल में इतने लोगों को गैस कनेक्शन मुहैया कराने का रिकार्ड है. वर्ष 2014 में देश में कुल एलपीजी धारकों की संख्या 14 करोड़ थी, जो अब बढ़ कर 20 करोड़ हो गयी है.
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गौरतलब है कि देश में एलपीजी की मांग में 10 फीसदी की दर से वृद्धि हो रही है और मांग को देखते हुए पिछले तीन साल में 4600 नये वितरकों को जोड़ा गया है. अधिकांश नये वितरक ग्रामीण क्षेत्रों में हैं. उज्जवला योजना के तहत कनेक्शन हासिल करने वाले 85 फीसदी लोगों ने दोबारा गैस भरवाया और इस योजना के 38 फीसदी लाभार्थी अनुसूचित जाति-जनजाति के लोग हैं.
उज्ज्वला योजना की सफलता की प्रमुख वजह सभी पक्षों की भागीदारी सुनिश्चित करना रहा. लाभार्थी, जनप्रतिनिधि, मशहूर हस्तियां, स्थानीय प्रशासन के सामूहिक प्रयास से यह सामाजिक आंदोलन के तौर पर तब्दील हो गया. साथ ही, योजना के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में प्रचार-प्रसार किया गया.
तेल कंपनियां और मंत्रालय के योजना के क्रियान्वयन में डिजिटल गवर्नेंस को लागू करने से भी उज्जवला योजना को अपेक्षित सफलता मिल पायी. लाभार्थियों को एलपीजी के प्रयोग और सुरक्षा के उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी.
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