नयी दिल्ली : राजस्थान के उदयपुर में घाणेराव की घाटी इलाके में नकली सिक्के बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है. यह फैक्ट्री पिछले एक साल से चल रही थी. नकली सिक्के बनाने वाला पांच लाख रुपये के नकली सिक्के बाजार में चला चुका है. मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य सरगना सहित दो फरार है. पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल के मुताबिक, पुलिस ने एक सूचना के आधार पर घाणेराव की घाटी निवासी ललित सोनी के मकान पर दबिश दी, जहां सोनी से नकली सिक्कों के बारे में पूछताछ की गयी तो हड़बड़ा गया. उसने चांदी के जेवर व सिक्के बनाने की जानकारी दी.
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पुलिस ने कमरे की तलाशी ली, तो वहां पर 11 टन वजनी एक हाइड्रॉलिक मशीन लगी मिली. पास ही एक प्लास्टिक की डिब्बी में 5 रुपये के सिक्के की मशीन की डाई का एक टुकड़ा व दूसरी डिब्बी में लगभग 40 सिक्के पड़े मिले. पुलिस ने उसे गिरफ्तार उसके विरुद्ध भारतीय मुद्रा के नकली सिक्के छापने व उन्हें बाजार में चलाने पर मामला दर्ज किया. पुलिस ने पूछताछ के आधार पर सरगना शिवलाल सोनी व घाणेराव की घाटी निवासी सौरभ जैन को भी नामजद किया.
आरोपी ललित सोनी ने बताया कि वह शिवलाल सोनी के संपर्क में था. दोनों ने डबोक में चांदी के जेवर का काम सीखा. दोनों ने मिलकर 2.95 लाख रुपये में राजकोट से मशीन खरीदी और घर में सिक्के बना कर बाजार में चलाने लगे. इन्होंने टोल नाकों और छोटी जगहों पर करीब पांच लाख रुपये के नकली सिक्के चलाये हैं.
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