खुदरा बाजार में पेट्रोल-डीजल को नियंत्रणमुक्त होने से सरकारी तेल कंपनियों का हो सकता है कायाकल्प

मुंबई : देश के खुदरा बाजार में पेट्रोल-डीजल का नियंत्रणमुक्त होने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के राजस्व में इजाफा होने के साथ ही उनका कायापलट होने की उम्मीद जतायी जा रही है. भारत की कंपनियों की गतिविधियों पर नजर रखने वाली रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2017 10:01 AM

मुंबई : देश के खुदरा बाजार में पेट्रोल-डीजल का नियंत्रणमुक्त होने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के राजस्व में इजाफा होने के साथ ही उनका कायापलट होने की उम्मीद जतायी जा रही है. भारत की कंपनियों की गतिविधियों पर नजर रखने वाली रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि सरकार की ओर से खुदरा बाजार में कीमतों को लेकर वर्ष 2010 में पेट्रोल और 2014 में डीजल को नियंत्रणमुक्त करने के लिए उठाये गये कदम से तेल एवं पेट्रोलियम के क्षेत्र में ढांचागत बदलाव आने की उम्मीद है.

इसे भी पढ़ें : 1 मई से हर दिन बदलेंगे डीजल-पेट्रोल के दाम, जमशेदपुर सहित 4 शहरों में होगा शुरू

रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा है कि पेट्रोल-डीजल के दामों को नियंत्रणमुक्त करने, रसोई गैस से सब्सिडी छोड़ने, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से करोसिन निर्भरता और आवंटन को कम करने और उसकी कीमतों में बढ़ोतरी करने से पेट्रोलियम एवं गैस के क्षेत्र में आमूल बदलाव हुआ है. एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि सरकार के इन सभी कदमों से तेल बाजार की कंपनियों की नकदी उधारी में काफी कमी आयी है.

रेटिंग एजेंसी ने एक अनुमान जाहिर करते हुए अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि वर्ष 2014 से लेकर 2016 के बीच सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की बाजार उधारी में करीब 29 कमी आयी है. इसके साथ ही, उनकी ब्याज अदायगी भी करीब 37 फीसदी तक घटी है. सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना आधार पर तय करने के लिए देश के पांच नगरों में इसकी परीक्षण के तौर पर शुरुआत किया है.

फिलहाल, देश के पांच स्थान पुद्दुचेरी, आंध्र प्रदेश में विजाग, राजस्थान में उदयपुर, झारखंड में जमशेदपुर और चंडीगढ़ में एक मई से दैनिक आधार पर ईंधन के दाम तय किये जाने की प्रक्रिया की शुरुआत की गयी है. कहा यह भी जा रहा है कि इन पांच शहरों में यदि यह प्रक्रिया कारगर साबित होती है, तो फिर इसे धीरे-धीरे देश के अन्य शहरों में भी लागू किया जायेगा. दरअसल, रोजाना बदलाव होने पर पेट्रोल, डीजल की कीमत में मामूली अंतर पड़ेगा. ऐसे में कीमतों की समीक्षा करने को लेकर राजनीतिक दबाव खत्म हो जायेगा.

गौरतलब है कि अभी सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां महीने की पहली और 16वीं तारीख को पेट्रोल और डीजल के दाम की समीक्षा करती हैं. पिछले 15 दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों बदलाव और मुद्रा विनिमय दर भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में परिवर्तन किया जाता है. बताया जा रहा है कि अभी देश में जिन पांच स्थानों पर खुदरा बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना समीक्षा करने की जो पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, उसके लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हर रोज कीमतों में होने वाले बदलाव को आधार बनाया गया है और यदि भविष्य में इसे पूरे देश में इसे लागू किया जाता है, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों को ही समीक्षा का मानक बनाया जायेगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version