अमेरिका में रोजगार, भारत में छंटनी : अब इन्फोसिस भी गिरायेगी कर्मचारियों पर गाज
बेंगलुरु : एच-1बी वीजा को लेकर अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की ओर से नियमों को सख्त किये जाने के बाद से ही भारत की आईटी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों पर गाज गिराना शुरू कर दिया है. अमेरिका के स्थानीय निवासियों को रोजगार देने के चक्कर में पहले आईटी क्षेत्र की दो दिग्गज भारतीय कंपनियां कॉग्नीजेंट […]
बेंगलुरु : एच-1बी वीजा को लेकर अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की ओर से नियमों को सख्त किये जाने के बाद से ही भारत की आईटी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों पर गाज गिराना शुरू कर दिया है. अमेरिका के स्थानीय निवासियों को रोजगार देने के चक्कर में पहले आईटी क्षेत्र की दो दिग्गज भारतीय कंपनियां कॉग्नीजेंट और विप्रो ने कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है. इन दोनों कंपनियों के बाद अब तीसरी भारतीय कंपनी इन्फोसिस ने अमेरिका में 10 हजार लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए भारत में छंटनी करने का मन बनाया है.
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बताया जा रहा है कि प्रमुख आईटी कंपनी इन्फोसिस अपने मिडिल और सीनियर स्तर के सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है. कंपनी चुनौतीपूर्ण माहौल के बीच छमाही कामकाजी समीक्षा कर रही है. इन्फोसिस यह काम ऐसे समय में कर रही है, जब विप्रो और कॉग्नीजेंट जैसी अन्य कंपनियां भी लागत घटाने के लिए ऐसे कदम उठा रही हैं. आश्चर्यजनक बात यह भी है कि इन्फोसिस अगले दो साल में 10,000 अमेरिकी नियुक्त करेगी. इसके लिए वह अमेरिका में चार केंद्र भी खेल रही है.
इन्फोसिस के एक प्रवक्ता ने ईमेल से भेजे बयान में कहा है कि हमारी प्रदर्शन प्रबंधन प्रकिया के तहत कामकाज का अर्धवार्षिक आकलन किया जाता है. कामकाज के मोर्चे पर लगातार निम्न प्रदर्शन से प्रदर्शन के स्तर पर कुछ कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें छंटनी शामिल है. हालांकि, कंपनी के प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि इस प्रक्रिया का असर कितने लोगों पर पड़ेगा. मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, कंपनी के इस फैसले का असर भारत के सैकड़ों कर्मचारियों पर पड़ सकता है.
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