नयी दिल्ली : देश की सबसे बडी कार कंपनी मारुति सुजुकी ने अपने विवादास्पद गुजरात संयंत्र के लिए अल्पांश शेयरधारकों की मंजूरी लेने का आज निर्णय किया. मारुति की मूल कंपनी, सुजुकी मोटर कार्प ने इस संयंत्र को लगाने का फैसला किया है. मारुति सुजूकी इंडिया के निदेशक मंडल की यहां हुई बैठक में अल्पांश शेयरधारकों की मंजूरी लेने का निर्णय किया गया. चार घंटे से ज्यादा समय तक चली इस बैठक में जापान की सुजुकी मोटर कार्प के चेयरमैन ओसामू सुजुकी भी शामिल हुए.
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने बैठक के बाद संवाददाताओं को यहां बताया, ‘‘हमारे लिये अल्पांश शेयरधारकों की मंजूरी लेना कानूनन जरुरी नहीं है, लेकिन बोर्ड ने बेहतर कंपनी संचालन के एक उपाय के तौर पर ऐसा करने का निर्णय किया है.’’ उन्होंने कहा कि कंपनी में 44 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले अल्पमत वाले शेयरधारकों में से तीन चौथाई को एक विशेष प्रस्ताव के जरिए कंपनी के प्रस्ताव को मंजूरी देनी होगी. भार्गव ने कहा कि गुजरात में प्रस्तावित मारुति के संयंत्र में पूरा निवेश मूल कंपनी सुजुकी मोटर द्वारा मूल्यह्रास और इक्विटी के रुप में कियास जायेगा.
भार्गव ने कहा कि विनिर्माण अनुबंध समझौता समाप्त होने की स्थिति में भी गुजरात अनुषंगी की संपत्ति और विभिन्न सुविधाओं को बुक वैल्यू पर मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी जाएंगी. संपर्क किए जाने पर एक प्रमुख फंड घराने ने कहा कि निदेशक मंडल ने जो फैसला किया है वह कंपनी और निवेशकों के हित में किया गया प्रतीत होता है. यह फंड भी मारुति के गुजरात संयंत्र प्रस्ताव का विरोध करता रहा है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘अल्पांश शेयरधारकों की मंजूरी लेने संबंधी आज का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है. हम इस निर्णय का अध्ययन करने और इस पर सभी 16 निवेशकों के बीच चर्चा करने के बाद अपना आधिकारिक रख स्पष्ट करेंगे.’’ उल्लेखनीय है कि जनवरी में सुजुकी मोटर ने घोषणा की थी कि वह गुजरात में 2017 तक एक कार कारखाना लगायेगी जिसपर वह 48.8 करोड डालर :करीब 3,050 करोड रुपये: निवेश करेगी. मूल रुप से यह संयंत्र लगाने का प्रस्ताव मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड का था. सुजुकी मोटर कारपोरेशन अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई सुजुकी मोटर गुजरात के जरिए इस संयंत्र में निवेश करेगी. संयंत्र की शुरुआती क्षमता सालाना एक लाख कारों की होगी.
मारुति ने शुरु में यह संयंत्र गुजरात के मेहसाणा में लगाने का प्रसताव किया था और 2012 में इसके लिये जमीन भी खरीदी लेकिन बाद में इसे सुजूकी मोटर ने अपने हाथ में ले लिया और भारतीय इकाई को कहा कि वह उत्पाद विकास और मार्केटिंग पर ज्यादा ध्यान दे. मारति सुजूकी के संस्थागत निवेशकों ने कंपनी की इस पहल का विरोध करते हुये सेबी के पास गुहार लगाई और कंपनी में अल्पमत शेयरधारकों के हितों की रक्षा करने के लिये मामले में हस्तक्षेप करने को कहा.
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