GST के पहले मुनाफाखोरी के लिए बढ़ायी कीमत, तो कंपनियों के बही-खातों की हो सकती है जांच

नयी दिल्ली : राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने देश की बड़ी कंपनियों को आगाह करते हुए कहा है कि GST लागू होने के पहले यदि मुनाफाखोरी के लिए कीमतों में बढ़ोतरी की, तो आयकर विभाग की ओर से उनके बही-खातों की जांच भी की जा सकती है. इसके साथ ही, सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2017 8:34 AM

नयी दिल्ली : राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने देश की बड़ी कंपनियों को आगाह करते हुए कहा है कि GST लागू होने के पहले यदि मुनाफाखोरी के लिए कीमतों में बढ़ोतरी की, तो आयकर विभाग की ओर से उनके बही-खातों की जांच भी की जा सकती है. इसके साथ ही, सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर (GST) के एक जुलाई से लागू होने तक उद्योग जगत से कीमत वृद्धि पर रोक लगाने को कहा है. उसने उद्योग जगत से कहा है कि कीमतों में बढ़ोतरी किये जाने के बाद संबद्ध प्राधिकरण की ओर से उनके बही-खाते की जांच हो सकती है.

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राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कंपनियों और उद्योग जगत को आगाह करते हुए कहा कि GST कानून में मुनाफाखोरी निरोधक प्रावधान जरूरी था, ताकि कराधान में कमी का लाभ ग्राहकों को मिलना सुनिश्चित हो सके. इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि आयकर विभाग बड़ी कंपनियों को मुनाफखोरी से रोकने का प्रयास भी करेंगे.

उन्होंने कहा कि मेरा बड़ी कंपनियों और उद्योग जगत को सुझाव है कि GST के क्रियान्वयन तक वे कीमत वृद्धि को रोक सकते हैं, तो अच्छा है. अन्यथा यह लागत वृद्धि का गंभीर मुद्दा होगा, जिसे वे तत्काल वहन नहीं कर सकते. राजस्व सचिव अधिया ने कहा कि इसके बावजूद अगर आप लागत के नाम पर कीमत बढ़ाते हैं, तो आगे इसकी जांच की जा सकती है.

बता दें कि GST कानून में एक मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण गठित करने का प्रावधान शामिल है, जो यह तय करेगा कि कंपनियां कर में कटौती का लाभ ग्राहकों को दे रही हैं या नहीं. पिछले सप्ताह GST परिषद ने 1200 से अधिक वस्तुओं तथा 500 सेवाओं को 5, 12, 18 और 28 फीसदी कर स्लैब में रखा है.

सरकार का अनुमान है कि 18 फीसदी अधिक मानक कर के बावजूद सेवा प्रदाता को ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ मिलेगा और इससे जीएसटी का प्रभाव कम होगा. अधिया ने कहा कि कई वस्तुओं के दाम कम होंगे. खाद्यान्न का काफी व्यापक प्रभाव होता है, हमने खाद्यान्न तथा अनाज को शून्य कर की श्रेणी में रखा गया है.

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