मुंबई : मार्च, 2017 में समाप्त चौथी तिमाही के नतीजों में लाभ में आयी कमी के बाद टाटा मोटर्स ने अपने मैनेजरों पर गाज गिरायी है. इस नतीजे से आहत कंपनी ने करीब 1500 मैनेजेरियल लेवल के अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. कंपनी की ओर से दी गयी सूचना के अनुसार, टाटा मोटर्स ने घरेलू स्तर पर प्रबंधकीय स्तर पर 1,500 तक कार्यबल में कटौती की है. कंपनी की ओर से बताया जा रहा है कि संगठन को पुनगर्ठित करने की प्रक्रिया के तहत उसकी ओर से यह कदम उठाया गया है.
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कंपनी के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी गुएंटेर बट्सचेक ने कहा कि कंपनी में इस समय कुल 13,000 मैनेजर हैं, जिनमें से करीब 10 से 12 फीसदी (1,500 तक) की छंटनी की गयी है. कंपनी के वित्तीय परिणाम की घोषणा के बाद उन्होंने यह बात कही है.
गौरतलब है कि टाटा मोटर्स ने मार्च, 2017 को समाप्त हुई तिमाही में 16.79 फीसदी की गिरावट के साथ 4,336.43 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ अर्जित किया है. इस शीर्ष ऑटो निर्माता कंपनी ने 2015-16 की चौथी तिमाही में 5,211.49 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था.
कंपनी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि 2016-17 की चौथी तिमाही में उसका समेकित राजस्व 77,272 करोड़ रुपये रहा, जबकि उसके पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 79,549 करोड़ रुपये था. उसने कहा कि भारतीय मुद्रा और पाउंड के बीच विनिमय दर में बदलाव के चलते 2016-17 की चौथी तिमाही में समेकित राजस्व में रुपये के हिसाब से 9032 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
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