एमआरपी कानून की धज्जियां उड़ा रही हैं कंपनियां, माॅल में दुगनी कीमत पर बिकती है पानी की बोतल
रांची :केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान कहते हैं कि किसी वस्तु का अधिकतम मूल्य हर जगह एक ही होना चाहिए. लेकिन, सच्चाई यह है कि एक ही वस्तु की कीमतें अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हैं. ऐसा ही एक मामला रांची में सामने आया है. रांची के एक उपभोक्ता आलोक पोद्दार […]
रांची :केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान कहते हैं कि किसी वस्तु का अधिकतम मूल्य हर जगह एक ही होना चाहिए. लेकिन, सच्चाई यह है कि एक ही वस्तु की कीमतें अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हैं.
ऐसा ही एक मामला रांची में सामने आया है. रांची के एक उपभोक्ता आलोक पोद्दार ने शहर में स्थित न्यूक्लियस मॉल में बाजार में 20 रुपये में बिकनेवाली पानी की बोतल के लिए 40 रुपये लिये जाने का विरोध किया है. उन्होंने पानी की बॉटलिंग करनेवाली कंपनी पेप्पसीको इंडिया से इसकी शिकायत की, तो कंपनी ने साफ कहा कि वह लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, 2009 का पालन कर रही है.
शिकायतों से पता चला है कि कंपनियों द्वारा बाकायदा अलग प्रिंट रेट दर्ज किया गया था।इसका कंपनियों से मंत्रालय द्वारा जवाब भी मांगा गया है
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) March 6, 2017
पेप्सीको इंडिया की कंज्यूमर रिलेशन मैनेजर सिमी मेहता कहती हैं कि इस मामले में कंपनी कुछ नहीं कर सकती. सिमी ने जो स्पष्टीकरण दिया, उसमें कंपनी ने लिखा कि पेप्सीको इंडिया सभी कानूनों का पालन करती है. लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, 2009 के तहत कंपनी के हर उत्पाद पर एमआरपी लिखना जरूरी है. पेप्सीको इंडिया अपने हर उत्पाद पर उसका अधिकतम मूल्य प्रिंट करती है. यह एक्ट किसी भी तरह से किसी विक्रेता को एक ही सामान की अलग-अलग कीमत लेने से रोकने की बात नहीं करता.
हालांकि, पेप्सीको इंडिया ने अपने जवाब में यह नहीं बताया कि बाजार में जब पानी की बाॅटल 20 रुपये में उपलब्ध हैं, तो मॉल में सप्लाई होनेवाली बॉटल पर एमआरपी 40 रुपये कैसे लिखे गये हैं. खाद्य आपूर्ति मामलों के मंत्री ने जब सार्वजनिक रूप से एलान किया है कि एक उत्पाद की अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग एमआरपी नहीं हो सकती, तो उसके द्वारा सप्लाई की जानेवाली पानी की बोतल पर दुगना एमआरपी कैसे प्रिंट है.
एयरपोर्ट, होटल व माल सभी जगह एक रेट में मिलेगी मिनरल वाटर बोतल।
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) March 6, 2017
खैर, आलोक पोद्दार ने इस संबंध में एक और ई-मेल किया, तो चार मई, 2017 को पेप्सीको इंडिया की कंज्यूमर रिलेशन एग्जीक्यूटिव मृदुला ने उन्हें ई-मेल से जवाब भेजा. इसमें पोद्दार से कहा गया कि वे पानी की बॉटल का फोटो भेजें, ताकि आपको इसके बारे में सही जानकारी दी जा सके.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि पिछले दिनों केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने छह मार्च, 2017 को ट्वीट कर कहा था कि कंज्यूमर फोरम में बड़े पैमाने पर पानी की बॉटल पर अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग एमआरपी की शिकायतें मिल रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा देखा गया है कि कंपनियों ने होटल और एयरपोर्ट्स पर बिकनेवाली पानी की बॉटल्स की कीमतें अलग-अलग प्रिंट कर रखी हैं.
उपभोक्ता मंत्रालय के उपभोक्ता फोरम में बोतलबंद पानी की अलग-अलग जगहों पर वसूली जाने वाली कीमतों से जुड़ी शिकायतें बड़े पैमाने पर आ रही हैं।
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) March 6, 2017
मंत्रालय ने एक ही पानी की बोतल पर अलग-अलग एमआरपी करने पर कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. पासवान ने आगे कहा कि अब एयरपोर्ट्स, होटल और मॉल्स में भी पानी की बोतल उसी दर पर उपलब्ध होगी, जिस दर पर ओपेन मार्केट में बिकती है.
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