मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक अगले सप्ताह होने वाली अपनी मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में संभवत: कटौती नहीं करेगा. हालांकि, पूर्व की तुलना में केंद्रीय बैंक का रुख कम आक्रामक हो सकता है. घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह बात कही है. इक्रा के प्रबंध निदेशक एवं समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेश टक्कर ने कहा, ‘अप्रैल में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति को लेकर जो कुछ जोखिम बताये थे, अब वे मानसून के परिदृश्य में सुधार, वस्तु एवं सेवा कर के कर ढांचे को तय किये जाने और जिंस कीमतों में कमी से अब इनमें से कई चीजें नहीं रह गईं हैं.’
उन्होंने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के आंकड़े से नीचे आ गयी है. लगातार छठे महीने यह इस स्तर पर रही है. सरकार ने रिजर्व बैंक के लिए मध्यम अवधि में मुद्रास्फीति का यही लक्ष्य तय किया है. टक्कर ने कहा कि मुद्रास्फीति जोखिम में कमी के मद्देनजर एजेंसी को उम्मीद है कि मौद्रिक नीति संबंधी वक्तव्य और एमपीसी उसका ब्योरा अप्रैल की तुलना में कुछ नरम रह सकता है.
इक्रा ने कहा कि मुद्रास्फीति जोखिम में कुछ कमी से एमपीसी वित्त वर्ष 2017-18 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के लक्ष्य को कुछ संशोधित कर सकती है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि केंद्रीय बैंक वित्त वर्ष के लिए अपने 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान में भी बदलाव कर सकता है.
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