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मोदी सरकार को एक आैर झटकाः तीन महीने के निचले स्तर पर मई में गिरकर पहुंची विनिर्माण क्षेत्र की वृद्घि

नयी दिल्लीः सत्तारूढ़ होने के तीन साल पूरे करने पर केंद्र की मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे झटका लगने के साथ ही अब विनिर्माण क्षेत्र की वृद्घि मामले में भी घाटा हुआ है. विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि मई महीने में धीमी रही और यह तीन माह के निचले स्तर पर पहुंच गयी. हालांकि, नये ऑर्डरों […]

नयी दिल्लीः सत्तारूढ़ होने के तीन साल पूरे करने पर केंद्र की मोदी सरकार को आर्थिक मोर्चे झटका लगने के साथ ही अब विनिर्माण क्षेत्र की वृद्घि मामले में भी घाटा हुआ है. विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि मई महीने में धीमी रही और यह तीन माह के निचले स्तर पर पहुंच गयी. हालांकि, नये ऑर्डरों और उत्पादन में हल्का सुधार हुआ है. एक मासिक सर्वेक्षण में इस बात का खुलासा किया गया है. कंपनियों के परचेजिंग मैनेजरों के बीच किये जाने वाले मासिक सर्वेक्षण निक्की मार्किट इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) मई में घटकर तीन महीने के निचले स्तर यानी 51.6 पर रहा. विनिमार्ण गतिविधियों का यह संकेतक अप्रैल में 52.5 पर था.

इस खबर को भी पढ़ेंः सेवा क्षेत्र में लगातार तीसरे महीने वृद्धि के बावजूद चुनौतियां बरकरार

पीएमआई का 50 से ऊपर रहना विनिर्माण में तेजी और 50 से नीचे रहना गिरावट को दर्शाता है. इस प्रकार मई में भारतीय विनिमार्ण क्षेत्र में लगातार पांचवे महीने विस्तार का रुख देखा गया है. आईएचएस मार्किट की अर्थशास्त्री और इस रिपोर्ट की लेखिका पॉलीयाना डी लीमा ने कहा कि भारतीय विनिर्माण क्षेत्र मई में फिर सुधार की राह पर रहा. हालांकि, मांग कम रही, क्योंकि आउटपुट में धीमा विस्तार देखा गया. बावजूद इसके कंपनियों को नये ऑर्डर मिले हैं.

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