आधार वेरिफाई जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए 5 राज्यों ने भरी हामी
Aadhaar Verify GST Registration: अप्रैल के जीएसटी राजस्व विश्लेषण के तहत कर्नाटक दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा. उसके बाद क्रमश: उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु का स्थान रहा. अप्रैल के दौरान राजस्व में महाराष्ट्र का योगदान सर्वाधिक रहा.
Aadhaar Verify GST Registration: आधार कार्ड से सत्यापित जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने के लिए तमिलनाडु और तेलंगाना समेत पांच राज्यों ने हामी भर दी है. मई महीने की शुरुआत में वरिष्ठ केंद्रीय और राज्य जीएसटी अधिकारियों की तीसरी राष्ट्रीय समन्वय बैठक के दौरान बायोमेट्रिक-आधारित सत्यापन पर चर्चा की गई थी. फिलहाल देश के दो राज्य गुजरात, आंध्र प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर करदाताओं का जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए आधार से सत्यापन का काम शुरू कर दिया है.
जीएसटी रजिस्टेशन के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन
अधिकारी के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित लगभग पांच राज्यों ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए आधार के माध्यम से सत्यापन व्यवस्था लागू करने के लिए हामी भर दी है. अधिकारी ने कहा कि ये राज्य जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन की आवश्यकता को लागू करने को लेकर शामिल लागत, बुनियादी ढांचा और कार्यबल की जरूरत का आकलन करना चाहते हैं. अधिकारी ने कहा कि इसके लिए उन्हें आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं. आकलन के आधार पर, इन राज्यों को प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्य मंत्रिमंडलों के समक्ष रखना होगा.
अब तक ओटीपी का होता रहा है इस्तेमाल
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारी अब तक रजिस्ट्रेशन चाहने वाले आवेदकों की पहचान स्थापित करने के लिए ओटीपी-आधारित आधार सत्यापन का इस्तेमाल करते रहे हैं. हालांकि, कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करने के लिए फर्जी कंपनी बनाने के लिए अन्य लोगों की पहचान का दुरुपयोग किया गया था. इसको देखते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने बायोमेट्रिक सत्यापन अपनाने का फैसला किया था. इसके तहत कुछ संदिग्ध मामलों में रजिस्ट्रेशन चाहने वाले व्यक्ति को आधार सत्यापन के लिए आधार केंद्र पर जाने के लिए कहा जाएगा.
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राजस्व वसूलने में महाराष्ट्र अव्वल
अप्रैल के जीएसटी राजस्व विश्लेषण के तहत कर्नाटक दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा. उसके बाद क्रमश: उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु का स्थान रहा. अप्रैल के दौरान राजस्व में महाराष्ट्र का योगदान सर्वाधिक रहा. एकीकृत कर प्रणाली लागू होने के बाद से अप्रैल में जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये को पार कर गया. जीएसटी संग्रह अप्रैल में 12.4 फीसदी बढ़कर 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया. राजस्व वृद्धि को मजबूत आर्थिक गतिविधियों और घरेलू लेनदेन तथा आयात के बढ़ने से सहायता मिली.
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