Aadhar Card: नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल रोमर ने भारत की डिजिटल क्रांति की सराहना करते हुए कहा,कि
“भारत की डिजिटल क्रांति को खास बनाता है कि इसका लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचा है. ‘यह कुछ चुनिंदा लोगों तक सीमित नहीं है. यही कारण है कि यह पहल बाकी दुनिया से बिल्कुल अलग है. अन्य देशों को भारत की इस अनोखी सफलता से प्रेरणा लेनी चाहिए’
दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली
आधार को दुनिया की सबसे विशाल बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली के रूप में माना जाता है. भारत सरकार द्वारा नागरिकों को जारी किया जाने वाला आधार कार्ड, एक पहचान पत्र है जिसमें 12 अंकों की विशिष्ट संख्या होती है. इसे यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) जारी करती है.
रोमर का मानना है कि भारत की इस सफलता से “डिजिटल साउथ” के अन्य देशों को प्रेरणा लेनी चाहिए.
उन्होंने कहा, “अगर भारत यह कर सकता है, तो बाकी देश भी कर सकते हैं. इन देशों को आत्मविश्वास और महत्वाकांक्षा के साथ नई पहल करनी चाहिए, जैसा कि भारत ने आधार नंबर के साथ किया.”
उन्होंने यह भी कहा कि अन्य देशों को भारत के अनुभव से सीखने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन साथ ही उन्हें इस पर भी ध्यान देना चाहिए कि अमीर देशों पर निर्भरता कम की जा सकती है. उन्होंने कहा, “अमीर देशों से नेतृत्व की उम्मीद करना जरूरी नहीं है, क्योंकि वे हमारे नागरिकों के जीवन स्तर में वह सुधार नहीं ला सकते जो हम चाहते हैं.”
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