लाइव अपडेट
नाबार्ड को 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता
ग्रामीण कॉपरेटिव बैंकों और आरआरबी की फसल ऋण आवश्यकता के लिए नाबार्ड को 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जायेगी. यह सहायता किसानों को इमरजेंसी में दी जायेगी.
आदिवासियों को रोजगार देने के लिए सरकार छह करोड़ के कैंपा फंड का प्रयोग करेगी
आदिवासियों को रोजगार देने के लिए सरकार कैंपा फंड का प्रयोग करेगी. इसमें प्रकृति से संबंधित कार्यों खासकर वृक्षारोपण के कार्यों के लिए पैसे दिये जायेंगे.
50 लाख फुटपाथ दुकानदारों को सरकार देगी पांच हजार करोड़ रुपये की सहायता
निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना काल में फुटपाथ दुकानदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इन 50 लाख फुटपाथ दुकानदारों के लिए सरकार पांच हजार करोड़ रुपये की सहायता देगी.
प्रवासी मजदूरों को कम किराये पर घर दिलाया जायेगा
सरकार यह प्रयास करेगी कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऐसे घरों का निर्माण किया जायेगा, जहां प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को कम किराये पर घर मिल सके.
एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड योजना अगले तीन महीने में लागू होगी, 67 करोड़ लोगों को होगा फायदा
गरीबों को सहायता देने के लिए सरकार अगले तीन महीने में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना को लागू कर देगी. इस योजना के लागू हो जाने से 67 करोड़ गरीबों को फायदा होगा. एक ही राशन कार्ड पर गरीब देश के किसी भी कोने में राशन ले सकेंगे.
आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने के लिए मुफ्त पांच-पांच किलो चावल,गेहूं और दाल मिलेगा
वित्तमंत्री ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के राशन के लिए 35 सौ करोड़ की सहायता दी जा रही है. आठ करोड़ मजदूरों को अगले दो महीने तक पांच-पांच किलो चावल, गेहूं और एक किलो चना दिया जायेगा. यह सुविधा बिना राशनकार्ड वालों के लिए भी है. अगले तीन महीने में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना को लागू कर दिया जायेगा.
सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन मिले इसके लिए प्रयास जारी
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे देश में अभी भी कामगारों को न्यूनतम वेतन नहीं मिलता है, सरकार इसके लिए प्रयासरत है. सभी मजदूरों को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा साथ ही उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं भी दी जायेंगी. सरकार यह प्रयास करेगी कि मजदूरों को ईएसआईसी की सुविधा मिले. साथ ही जिन जगहों पर महिलाएं रात को काम करती हैं, वहां सुरक्षा की व्यवस्था होगी.
प्रवासी मजदूरों को उनके गांव में मनरेगा के तहत मिलेगा काम
वित्तमंत्री ने आज घोषणा की कि जो मजदूर अपना काम छोड़कर अपने प्रदेश लौटे हैं, उन्हें सरकार मनरेगा के तहत काम देगी. सरकार का यह प्रयास होगा कि 50 प्रतिशत मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जाये और इसके लिए सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दे दिया है.
शहरी गरीबों की सहायता के लिए सात हजार दो सौ नये SHG ग्रुप बनाये गये
शहरी गरीबों की सहायता के लिए सरकार ने कई प्रयास किये हैं. जिसमें स्वयं सहायता समूह ने तीन लाख मास्क और सेनेटाइजर बनाये हैं. जो एक बड़ी बात है. कोरोना पीरियड में 72 सौ नये स्वयं सेवी समूह बनाये गये हैं.
कोरोना काल में 86 हजार 600 करोड़ के लोन को मंजूरी दी गयी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना काल में हमने कृषि के क्षेत्र में 86 हजार 600 करोड़ के लोन को मंजूरी दी गयी. इससे किसानों को बहुत फायदा हुआ है. वित्तमंत्री ने कहा कि शहरी गरीब की सहायता के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को 11 हजार करोड़ रुपये दिये. केंद्र ने राज्यों को एसडीआरएफ के तहत सहायता देने को कहा. प्रवासी मजदूरों को शेल्टर देने की व्यवस्था की गयी है और उन्हें तीन बार का भोजन दिया जा रहा है.
प्रवासी मजदूरों, फुटपाथ दुकानदारों और किसानों के लिए आज हो रही हैं घोषणाएं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आर्थिक पैकेज में प्रवासी मजदूरों, फुटपाथ दुकानदारों और छोटे किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए घोषणाएं होंगी. उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए तीन बड़े फैसले लिये गये हैं. अब तक छोटे किसानों को चार लाख करोड़ की सहायता दी जा चुकी है. किसानों की मदद के लिए 31 मई तक ब्याज पर छूट दी गयी है.
Tweet
किसान और टेलिकॉम सेक्टर्स को भी उम्मीद
देशभर के किसानों को भी आर्थिक पैकेज से लाभ मिलने की उम्मीद है. अनुमान है कि 2 लाख करोड़ रुपये का स्पेशल क्रेडिट किसानों को दिया जा सकता है. इसके अलावा दूरसंचार कंपनियां भी उम्मीद लगाये बैठी हैं कि उन्हें 35,000 करोड़ रुपये का जीएसटी क्रेडिट मिल जाये.
आज इन सेक्टर्स को है भारी उम्मीद
असंगठित क्षेत्र जो इस लॉकडाउन में काफी नुकसान में गया है, उसके लिए आज वित्त मंत्री घोषणा कर सकती हैं. इसके अलावा सरकार स्ट्रीट वेंडर्स को भी सीधे लाभ पहुंचा सकती है. इसके अलावा श्रमिकों, गरीबों, मजदूरों और किसानों को भी काफी उम्मीदें हैं.