अडानी ग्रीन एनर्जी को एसईसीआई से सौर परियोजना के लिए मिला 45,000 करोड़ रुपये का ठेका
अहमदाबाद : अडानी ग्रीन एनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उसे एसईसीआई से देश में आठ गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का विकास करने और दो गीगावाट क्षमता के उपकरण विनिर्माण संयंत्र की स्थापना के लिए 45,000 करोड़ रुपये का ठेका मिला है. कंपनी ने बताया कि इस ठेके के साथ ही कंपनी 2025 तक 25 गीगावाट उत्पादन क्षमता तैयार करने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच जायेगी. इसके लिए कंपनी की योजना अगले पांच वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 1,12,000 करोड़ रुपये निवेश करने की है.
अहमदाबाद : अडानी ग्रीन एनर्जी ने मंगलवार को कहा कि उसे एसईसीआई से देश में आठ गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का विकास करने और दो गीगावाट क्षमता के उपकरण विनिर्माण संयंत्र की स्थापना के लिए 45,000 करोड़ रुपये का ठेका मिला है. कंपनी ने बताया कि इस ठेके के साथ ही कंपनी 2025 तक 25 गीगावाट उत्पादन क्षमता तैयार करने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच जायेगी. इसके लिए कंपनी की योजना अगले पांच वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 1,12,000 करोड़ रुपये निवेश करने की है.
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कंपनी के बयान के अनुसार, ‘अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल, एनएसई : ADANIGREEN) ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) से अपनी तरह का मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़ा हुआ पहला सौर समझौता हासिल किया है. यह अवार्ड, दुनिया में अपनी तरह का अब तक का सबसे बड़ा अवार्ड है, जो 45,000 करोड़ (6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का एकल निवेश लायेगा और 400,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा. यह अपने जीवनकाल में 900 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड को भी विस्थापित करेगा.
कहा गया कि इस सफलता के साथ, एजीईएल के पास अब संचालन, निर्माण या अनुबंध के अंतर्गत 15 गीगावाट क्षमता होगी, जिससे कंपनी 2025 तक दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय कंपनी बनने की दिशा में अपनी यात्रा को तेज करेगी. यह अवार्ड कंपनी को 2025 तक 25 गीगावाट अक्षय ऊर्जा की स्थापित जेनेरेशन क्षमता प्राप्त करने के अपने लक्ष्य के करीब ले जायेगा, जिससे बदले में अगले 5 वर्षों में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 112,000 करोड़ (15 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का निवेश करने के लिए प्रतिबद्धता रहेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान (सेल्फ रिलायंट इंडिया प्रोग्राम) के लॉन्च होने के बाद घोषित होने वाला यह सबसे बड़ा एकल निवेश है. यह जलवायु परिवर्तन से जूझ रहे विश्व का नेतृत्व करने के लिए भारत में उठाया गया एक और महत्वपूर्ण कदम है तथा 2015 में पेरिस में COP 21 शिखर सम्मेलन में दुनिया के लिए भारत के प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त की गयी प्रतिबद्धता को ही आगे बढ़ाता है.
इस सफलता के बारे में बताते हुए अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि इस ऐतिहासिक सोलर अवार्ड के लिए एसईसीआई द्वारा चुने जाने पर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं. आज की दुनिया में, जलवायु अनुकूलन को आर्थिक विकास प्राथमिकताओं से स्वतंत्र नहीं माना जा सकता है और रोजगार सृजन के साथ-साथ डीकॉर्बोनाइजेशन दोनों एक साथ ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए. भारत ने पेरिस में 2015 के संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में एक प्रतिबद्धता जतायी थी कि भारत जलवायु परिवर्तन क्रांति का नेतृत्व करेगा और आज अपनी COP 21 प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की राह पर चल रहे सिर्फ आठ देशों के बीच में नेतृत्व संभाले हुए है.
उन्होंने बताया कि अवार्ड एग्रीमेंट के आधार पर अगले पांच वर्षों में 8 गीगावाट सौर विकास परियोजनाओं को लागू किया जायेगा. पहली 2 गीगावाट की जनरेशन क्षमता 2022 तक ऑनलाइन आ जायेगी और बाद की 6 गीगावाट क्षमता को 2025 तक 2 गीगावाट वार्षिक वृद्धि में जोड़ा जायेगा. परियोजनाओं में विभिन्न तरह के लोकेशन शामिल होंगे, जिसमें 2 गीगावाट सिंगल-साइट जनरेशन प्रोजेक्ट शामिल है जो विश्व स्तर पर घोषित सबसे बड़ी एकल-साइट परियोजना के रैंक के साथ जुड़ा हुआ है. 2 गीगावाट की सोलर सेल और मॉड्यूल निर्माण क्षमता 2022 तक स्थापित की जायेगी और मौजूदा 1.3 गीगावाट क्षमता के साथ ग्रुप को भारत की सबसे बड़ी सोलर मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के रूप में स्थापित करेगी. यह नया अनुबंध इस मॉडल को और मजबूत बनाने में मदद करेगा.
Posted By: Amlesh Nandan Sinha.
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