Adani Group Share: अमेरिकी प्रॉसीक्यूटर्स की ओर से बुधवार को गौतम अदाणी पररिश्वत देने के आरोप के बाद गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार के शुरुआती कारोबार से ही अदाणी ग्रुप की कंपनियों में भारी गिरावट आ गई. सबसे बड़ी गिरावट अदाणी एनर्जी सॉल्यूशन लिमिटेड के शेयर में आई है. इसका शेयर करीब 20% तक गिर गया. इसके बाद अदाणी पावर के शेयर में दूसरी सबसे बड़ी 14.32% और अदाणी पोर्ट्स के शेयर में 10% गिरावट दर्ज की गई.
अदाणी एनर्जी के शेयर में भारी गिरावट
बीएसई-एनएसई की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, बाजार का कामकाज शुरू होने के साथ ही अदाणी ग्रुप के शेयर एक-एक करके धराशायी होते गए. सुबह 10 बजे से पहले तक अदाणी एनर्जी सॉल्यूशन का शेयर 174.30 रुपये या 20% टूटकर 697.25 रुपये, अदाणी पावर का शेयर 14.32% गिरकर 449.05 रुपये और अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड का शेयर 10% लुढ़ककर 1,160.70 रुपये के स्तर पर पहुंच गया.
अमेरिका ने लगाया बड़ी रिश्वत देने का आरोप
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के प्रॉसीक्यूटर्स अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणाी पर सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक रिश्वत दिया है. प्रॉसीक्यूटर्स ने कहा है कि गौतम अदाणी रिश्वत ऑफर करने वाली स्कीम में शामिल हैं. रिपोर्ट, ”न्यूयॉर्क के प्रॉसीक्यूटर्स ब्रुकलिन ने बुधवार को आरोप लगाया है कि गौतम अदाणी और दूसरे डिफेंडेंट्स ने अमेरिकी निवेशकों से धन जुटाने की कोशिश में स्कीम के बारे झूठ बोला है.”
भारत के सरकारी अधिकारियों को दिया रिश्वत
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर आर अदाणी और कंपनी के प्रबंधन निदेशक विनीत एस जैन पर भी अमेरिकी कानून तोड़ने का आरोप है. रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने अपने एक बयान में कहा है कि डिफेंडेंट्स ने अरबों डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिए अमेरिका में भारत के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक बड़ी स्कीम बनाई.
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अमेरिका ने दायर किया मुकदमा
ब्लूमबर्ग ने बताया कि अमेरिकी अधिकारी गौतम अदाणी के व्यवहार के साथ इस बात की भी जांच कर रहे थे कि अदाणी ग्रुप रिश्वत में शामिल है या नहीं. जांच में यह भी पाया गया कि कहीं ऊर्जा परियोना को फेवरेबल ट्रीटमेंट देने के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को गलत तरीके से भुगतान तो नहीं किया गया. अमेरिकी प्रॉसीक्यूटर्स ने अपने आरोप में कहा कि चार दूसरे डिफेंडेंट्स ने इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिटाया और न्याय विभाग, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन और अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के प्रतिनिधियों से झूठ बोला और न्याय में बाधा डालने के लिए साजिश रची. सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने बुधवार को अलग से एक दीवानी मुकदमा भी दायर किया है.
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