Adani Group ने शुरू की नुकसान के भरपाई की कोशिश, अपने समूह की दो कंपनियों में बढ़ाई हिस्सेदारी
Adani Group: एक महीने से भी कम समय में यह दूसरी बार है कि प्रवर्तकों ने समूह की प्रमुख कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाई है. पिछले महीने प्रवर्तकों ने अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी 67.65 प्रतिशत से बढ़ाकर 69.87 प्रतिशत की थी.
Adani Group: उद्योगपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) की अगुवाई वाले प्रवर्तक समूह ने समूह की दो सूचीबद्ध कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा ली है. बंदरगाह से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत यह समूह कुछ रिपोर्ट से हुए नुकसान के बाद वापसी का प्रयास कर रहा है. शेयर बाजारों को भेजी सूचना के अनुसार, प्रवर्तक समूह ने अपनी प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज में अपनी हिस्सेदारी 69.87 प्रतिशत से बढ़ाकर 71.93 प्रतिशत कर ली है. एक महीने से भी कम समय में यह दूसरी बार है कि प्रवर्तकों ने समूह की प्रमुख कंपनी में हिस्सेदारी बढ़ाई है. पिछले महीने प्रवर्तकों ने अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी 67.65 प्रतिशत से बढ़ाकर 69.87 प्रतिशत की थी. इसके अलावा प्रवर्तक समूह ने अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी 63.06 प्रतिशत से बढ़ाकर 65.23 प्रतिशत कर दी है.
14 अगस्त से आठ सितंबर के बीच खुले बाजार लेनदेन में खरीदी
रिसर्जेंट ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड ने खुले बाजार से अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड में लगभग एक प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है और अन्य 1.2 प्रतिशत हिस्सेदारी इमर्जिंग मार्केट इन्वेस्टमेंट डीएमसीसी द्वारा खरीदी गई है. दोनों प्रवर्तक समूह की कंपनियां हैं. अडाणी एंटरप्राइजेज लि. के मामले में केम्पास ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड और इनफिनिट ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड द्वारा शेयर खरीदे गए हैं. सूचना में कहा गया है कि यह हिस्सेदारी 14 अगस्त से आठ सितंबर के बीच खुले बाजार लेनदेन में खरीदी गई है. इससे कुछ सप्ताह पहले अमेरिका की जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडाणी समूह की कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी थी.जीक्यूजी ने पिछले महीने थोक सौदे के जरिये अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (एपीएसईजेड) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 5.03 प्रतिशत कर ली थी.
16 अगस्त को बड़े सौदे में अडाणी पावर में 8.09 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची
जीक्यूजी के पास अब अडाणी समूह की 10 कंपनियों में से पांच में हिस्सेदारी है. उसने 16 अगस्त को अडाणी पावर लिमिटेड में 7.73 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी. प्रवर्तक समूह की कंपनियों वर्ल्डवाइड इमर्जिंग मार्केट होल्डिंग और एफ्रो एशिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट्स ने 16 अगस्त को बड़े सौदे में अडाणी पावर में 8.09 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी. इसमें से 7.73 प्रतिशत हिस्सेदारी जीक्यूजी ने खरीदी थी. हिस्सेदारी बिक्री के बाद अडाणी पावर में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 74.97 प्रतिशत से घटकर 66.88 प्रतिशत रह गई है. अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को जारी एक रिपोर्ट में अडाणी समूह पर लेखा धोखाधड़ी, शेयर मूल्य में हेरफेर और कर पनाहगाह के दुरुपयोग का आरोप लगाया था, जिससे बाद समूह की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण करीब 150 अरब डॉलर घट गया था. समूह ने इन आरोपों को खारिज किया था. हालांकि, अब अडाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में कुछ सुधार हुआ है.
अदाणी विल्मर को जून तिमाही में 79 करोड़ रुपये का घाटा
अदाणी विल्मर को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 79 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. कंपनी ने दो अगस्त कंपनी के द्वारा बताया गया था कि यह घाटा खाद्य तेल कीमतों में गिरावट के कारण हुआ है. कंपनी ने बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 194 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था. अदाणी विल्मर ने शेयर बाजार को बताया कि जून तिमाही में उसकी कुल आय भी 12 प्रतिशत गिरकर 12,928 करोड़ रुपये रह गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 14,724 करोड़ रुपये थी. अदाणी विल्मर खाद्य तेल और अन्य खाद्य वस्तुओं को फॉर्च्यून ब्रांड के अंतर्गत बेचती है. अदाणी विल्मर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंगशु मलिक ने कहा कि खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट के साथ हमने इस खंड में अपनी गति पकड़ ली है. खाद्य तेल कीमतों में गिरावट उद्योग की दृष्टि से अच्छी है.
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हिंडनबर्ग से अडानी समूह को 100 बिलियन डॉलर का हुआ था नुकसान
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के स्टॉक्स के वैल्यूएशन में 100 बिलियन डॉलर की कमी आ गई थी. हालांकि, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. रिपोर्ट के अनुसार सेबी ने कहा कि उसके द्वारा 24 मामलों में से 22 की जांच पूरी हो गयी है. जिन दो मामलों में अंतरिम रिपोर्ट सौंपा गया है उसमें अडानी समूह के 13 विदेशी एनटिटी यानि इकाईयों को लेकर जांच की जा रही है. हालांकि, सेबी के द्वारा अभी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है. मगर, बाजार के जानकार बताते हैं कि वर्तमान में जो रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह की तरफ से उल्लंघन का मामला टेक्निकल जैसा है जिसमें जांच पूरी होने के बाद मॉनिटरी पेनल्टी लगाया जा सकता है.
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