Adani Ports Share Price: भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) की कंपनी अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक ज़ोन लिमिटेड Adani Ennore Container Terminal Pvt Ltd की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है. कंपनी ने Mediterranean Shipping Company की सहयोगी कंपनी मुंडी लिमिटेड को अपनी हिस्सेदारी 247 करोड़ रुपये में बेचने की घोषणा की है. एपीएसईजेड की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस संबंध में एक शेयर खरीद समझौते पर 14 दिसंबर 2023 को हस्ताक्षर किए गए. एईसीटीपीएल का कुल उद्यम मूल्य 1,211 करोड़ रुपये है. बयान में कहा गया, लेन-देन के लिए अभी विनियामक की मंजूरी की आवश्यकता है.लेन-देन के तीन से चार महीनों में पूरा होने की उम्मीद है.इसके पूरा होने के बाद एपीएसईजेड की एईसीटीपीएल में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. बयान के अनुसार, मुंद्रा बंदरगाह पर सीटी3 कंटेनर टर्मिनल के लिए संयुक्त उद्यम के बाद यह टीआईएल के साथ एपीएसईजेड की दूसरी रणनीतिक साझेदारी है. एपीएसईजेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं पूर्णकालिक निदेशक करण अदाणी ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी (एमएससी) के साथ हमारा सहयोग पारदर्शी व्यावसायिक दृष्टिकोण के जरिए क्षेत्रीय विकास में तेजी लाने की एपीएसईजेड के मजबूत दृष्टिकोण को दर्शाता है.
अदाणी पोर्ट के शेयर चढ़े
अदाणी पोर्ट के हिस्सेदारी बेचने की घोषणा के बाद, कंपनी के शेयर में दोपहर 12.30 बजे एक प्रतिशत से ज्यादा का उछाल देखने को मिला. Adani Ports and Special Economic Zone Ltd के शेयर 1085.80 रुपये के आंकड़े पर पहुंच गए. हालांकि, बाद में कारोबार के दौरान फिर गिरकर 1081.65 रुपये पर पहुंच गया. फिर पूरे दिन शेयर में उठा-पटक जारी है. पिछले पांच दिनों में कंपनी ने निवेशकों को करीब 6 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. वहीं, एक महीने में करीब 33 प्रतिशत का लाभ मिला है. इसकी के साथ, दिसंबर की शुरूआत में गौतम अदाणी ने एक और सिमेंट फैक्ट्री का अधिग्रहण कर लिया है. गौतम अदाणी के मालिकाना हक वाली कंपनी अंबुजा सीमेंट्स (ACL) ने सांघी इंडस्ट्रीज लिमिटेड (SIL) के अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया. इसे लेकर कंपनी की तरफ से सूचना एक्सचेंज फाइलिंग में दी गयी. इस डील का एंटरप्राइज वैल्यू 5185 करोड़ रुपये का है. अदाणी समूह ने इस डील के लिए फंडिंग अपने इंटरनल सोर्स के माध्यम से की है.
Also Read: Adani New Deal: गौतम अदाणी की झोली में आयी एक और सिमेंट फैक्ट्री, शेयर में दिखा ये एक्शन
कैसे एक कंपनी दूसरे कंपनी का अधिग्रहण करती है
कंपनी एक दूसरी कंपनी का अधिग्रहण (मर्जर और अक्कर्ता) करने के लिए दोनों कंपनियों में पहले वार्ता होती है. अधिग्रहण की योजना बनाने के लिए दोनों कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स एक समझौते पर सहमत होते हैं. इसमें अधिग्रहण के विवरण, समयसीमा, सम्पत्ति का मूल्यांकन, स्टॉक मुद्रा आदि का समायोजन होता है. एक बार योजना बनने और समझौते के बाद, नौबत (फॉर्म 23C और फॉर्म 1 नौबत) जारी किया जाता है. इसमें अधिग्रहण की प्रक्रिया और विवरण शामिल होते हैं. नौबत जारी करने के बाद, उसे सर्वोच्च न्यायालय या नौबत स्वीकृति अधिकारी को प्रस्तुत किया जाता है. स्वीकृति प्राप्त करने के बाद, योजना के मुताबिक अधिग्रहण का कार्यान्वयन शुरू किया जाता है. इसमें एक कंपनी दूसरी कंपनी के सम्पत्ति, स्टॉक, और सम्पत्ति का नियंत्रण प्राप्त करती है. अधिग्रहण के बाद, दोनों कंपनियों के विभिन्न प्रक्रिया, उत्पादन, वित्त, और प्रबंधन की प्रणालियों को एकीकृत किया जाता है. विभिन्न विभाजित संरचना को एक समेकित और संगठित संरचना में बदला जाता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.