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Adani Vizhinjam Port: केरल में गौतम अदाणी 20 हजार करोड़ निवेश कर बना रहे नया पोर्ट, जानें क्यों है बेहद खास

Adani Vizhinjam Port: मुंद्रा पोर्ट के बाद गौतम अदाणी का एक दूसरे पोर्ट पर काम काफी तेजी से चल रहा है. केरल के विझिंगम में गहरे पानी में बन रहे इस पोर्ट से अदाणी समूह के व्यापार को एक नयी बूस्ट मिलने की उम्मीद है.

By Madhuresh Narayan | October 16, 2023 1:37 PM
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Adani Vizhinjam Port: गौतम अदाणी (Gautam Adani) के पोर्ट कारोबार को इजरायल-हमास युद्ध के कारण बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. मगर, भारत में अदाणी पोर्ट (Adani Ports) का काम तेजी से बढ़ रहा है. मुंद्रा पोर्ट के बाद गौतम अदाणी का एक दूसरे पोर्ट पर काम काफी तेजी से चल रहा है. केरल के विझिंगम में गहरे पानी में बन रहे इस पोर्ट से अदाणी समूह के व्यापार को एक नयी बूस्ट मिलने की उम्मीद है. विझिंगम ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल पर अदाणी पोर्ट के द्वारा 20 हजार करोड़ रुपये निवेश किया जा रहा है. इस पोर्ट का काम काफी तेजी से अदाणी पोर्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक करण अदाणी की देखरेख में किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि पोर्ट का काम 2030 तक पूरा हो जाएगा. इस पोर्ट पर आधिकारिक रुप से अपने पहले शिप को रिसीव किया था. Zhen Hua 15 नाम के इस शिप को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रिसीव किया था. जानकार बताते है कि अदाणी के इस पोर्ट से अगले साल मई से दिसंबर के बीच में परिचालन की शुरूआत की जा सकती है.

केंद्र और राज्य सरकार का भी लगा है पैसा

इस पोर्ट में केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार का भी पैसा लगा है. मिंट के रिपोर्ट के अनुसार, अदाणी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ राजेश झा ने बताया कि परियोजना के लिए पहले चरण में 7,700 करोड़ रुपये का निवेश मिल गया है. इसमें अदाणी समूह के द्वारा 2,500 से 3000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है. जबकि, अन्य निवेश केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है. इस पोर्ट का निर्माण अडानी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है. भारत के लिए इस पोर्ट को कई लाहाज से महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. इसके तैयार होने से हिंद महासागर में भारत का दबदबा बढ़ेगा. साथ ही, श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट जैसे विदेशी ट्रांसशिपमेंट हब देश की निर्भरता काफी हद तक कम हो जाएगी. कोलंबो पोर्ट पर चीन की कंपनियों का पैसा लगा है. ऐसे में सीधे देखें तो चीन पर निर्भरता में कमी आएगी. भारत के इस पोर्ट की 18 मीटर से ज्यादा की प्राकृतिक गहराई है. इससे बड़े शिप को पार्क करने में परेशानी नहीं होगी. वहीं, अंतरर्राष्ट्रीय शिपिंग रुट केवल 10 नॉटिकल माइल दूर है. ऐसे में इसकी स्थिति हर दृष्टि से महत्वपूर्ण है.

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अदाणी विझिंजम पोर्ट के बारे में कुछ मुख्य बातें

अदाणी विझिंजम बंदरगाह क्षेत्र में समुद्री व्यापार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है, और यह भारत के बंदरगाह बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण निवेश का प्रतिनिधित्व करता है.

स्थान: विझिंजम भारत के केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में एक तटीय शहर है. यह बंदरगाह रणनीतिक रूप से अरब सागर तट पर स्थित है, जो इसे समुद्री व्यापार के लिए संभावित रूप से महत्वपूर्ण केंद्र बनाता है.

परियोजना का दायरा: विझिंजम बंदरगाह को एक अत्याधुनिक ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल के रूप में डिज़ाइन किया गया है. इसका उद्देश्य क्षेत्र में, विशेषकर हिंद महासागर क्षेत्र में कंटेनर यातायात की बढ़ती मांगों को पूरा करना है.

गहराई और क्षमता: बंदरगाह में 20 मीटर तक का गहरा ड्राफ्ट है, जो इसे बड़े कंटेनर जहाजों को संभालने की अनुमति देता है. इसे सालाना लगभग 1.8 मिलियन टीईयू (बीस फुट समतुल्य इकाइयां) कंटेनर कार्गो को संभालने की क्षमता के लिए डिज़ाइन किया गया है.

ट्रांसशिपमेंट हब: विझिंजम पोर्ट का प्राथमिक उद्देश्य ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में काम करना है. ट्रांसशिपमेंट में कंटेनरों को उनके अंतिम गंतव्य तक भेजने के लिए एक बड़े जहाज से दूसरे जहाज तक ले जाना शामिल है. इसका उद्देश्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के साथ विझिंजम के लाभप्रद स्थान का लाभ उठाना है.

आर्थिक प्रभाव: बंदरगाह से केरल और आसपास के क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. इससे रोजगार के अवसर पैदा होने और समुद्री क्षेत्र से संबंधित आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की संभावना है.

पर्यावरणीय विचार: बंदरगाह के विकास में पर्यावरणीय विचार भी शामिल हैं. स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रभाव को कम करने के लिए उपाय किए जाते हैं, और परियोजना में तटीय संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की पहल शामिल है.

सरकारी सहयोग: विझिंजम बंदरगाह परियोजना को भारत में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से समर्थन मिला है. इसे एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा विकास माना जाता है जो सरकार की “सागरमाला” पहल के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य भारत के बंदरगाह क्षेत्र को आधुनिक और अनुकूलित करना है.

समयरेखा: विझिंजम बंदरगाह का विकास एक दीर्घकालिक परियोजना रही है. विभिन्न नियामक बाधाओं को दूर करने के बाद निर्माण शुरू हुआ और बंदरगाह ने 2019 में परिचालन शुरू किया.

कनेक्टिविटी: बंदरगाह तक और बंदरगाह से माल की कुशल आवाजाही की सुविधा के लिए बंदरगाह को सड़क और रेल नेटवर्क से अच्छी तरह से जोड़ने की योजना है.

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