टाटा पावर डीडीएल को 150 करोड़ रुपये देगा एडीबी, दिल्ली में बिजली सप्लाई होगी मजबूत

समझौते के तहत एडीबी पायलट आधार पर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की खरीद और एकीकरण के लिए आंशिक रूप से वित्तपोषण को लेकर 20 लाख डॉलर का अनुदान देने पर भी सहमत हुआ है. एडीबी और टाटा पावर ने संयुक्त बयान में कहा कि इस समझौते का मकसद ग्रिड को बेहतर बनाकर दिल्ली में बिजली वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाना है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2023 4:51 PM

नई दिल्ली : भारत की राजधानी दिल्ली में बिजली वितरण को मजबूत करने के लिए टाटा पावर दिल्ली पावर डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) करीब 150 करोड़ रुपये देगा. समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, एडीबी और टाटा पावर की बिजली वितरण इकाई टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (टाटा पावर डीडीएल) ने 150 करोड़ रुपये मूल्य के गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के लिए समझौता किया है. एडीबी और टाटा पावर ने सोमवार को संयुक्त बयान में यह जानकारी दी है कि इस समझौते का मकसद ग्रिड को बेहतर बनाकर दिल्ली में बिजली वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाना है.

20 लाख डॉलर के अनुदान पर भी बनी सहमति

समझौते के तहत एडीबी पायलट आधार पर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) की खरीद और एकीकरण के लिए आंशिक रूप से वित्तपोषण को लेकर 20 लाख डॉलर का अनुदान देने पर भी सहमत हुआ है. वित्तपोषण का इस्तेमाल एक नए 66/11-किलोवॉल्ट ग्रिड को शुरू करने, ट्रांसफॉर्मर, सबस्टेशन, फीडर लाइन और स्विचिंग स्टेशनों को बढ़ाने तथा विस्तारित करने, स्मार्ट मीटर स्थापित करने एवं पुराने पड़ चुके बिजली उपकरण और मीटर को बदलने के लिए किया जाएगा.

हरित ऊर्जा संसाधनों को एकीकृत करने में मिलेगी मदद

संयुक्त बयान में कहा गया है कि 10-मेगावॉट घंटा (एमडब्ल्यूएच) बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली वितरण ट्रांसफार्मर स्तर पर दक्षिण एशिया की पहली ग्रिड आधारित ऊर्जा भंडारण परियोजना है. यह बिजली संग्रहीत करने और मांग आधार पर पर विद्युत वितरित करने तथा ग्रिड अस्थिरता को कम करने में मददगार होगा. चूंकि, सौर तथा पवन ऊर्जा संसाधन हर समय उपलब्ध नहीं होते, ऐसे में इससे हरित ऊर्जा संसाधनों को एकीकृत करने में भी मदद मिलेगी.

किसी भी हालात में बिजली नहीं होगी ठप

बयान के अनुसार, एडीबी की देखरेख में बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली को वित्तपोषित करने के लिए अनुदान गोल्डमैन सैक्स और ब्लूमबर्ग फिलेनथ्रोपीज क्लाइमेट इनोवेशन एंड डेवलपमेंट फंड (सीआईडीएफ) ने प्रदान किया है. एडीबी की महानिदेशक (निजी क्षेत्र परिचालन) सुजैन गबौरी ने कहा कि बिजली आपूर्ति व्यवस्था में बिजली वितरण एक महत्वपूर्ण कड़ी है. वितरण ट्रांसफार्मर स्तर पर बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के इस्तेमाल से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बेहतर ढंग से एकीकृत किया जा सकेगा. इससे दिल्ली के लिए प्रतिकूल परिस्थितियों में भी बिजली वितरण प्रणाली बेहतर हो सकेगी.

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बिजली आपूर्ति में नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण

टाटा पावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक डॉ. प्रवीर सिन्हा ने कहा कि बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली ग्रिड को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और भविष्य के लिए तैयार बिजली वितरण नेटवर्क का मार्ग प्रशस्त करती है. इससे हमें उपभोक्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली बिजली और विद्युत आपूर्ति में नवीकरणीय ऊर्जा का एकीकरण सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. बिजली मंत्रालय ने पिछले साल कुल बैटरी भंडारण क्षमता 2030 तक बिजली खपत के चार फीसदी पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा था. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश को 2030 तक कुल 182 गीगावॉट-घंटा (एक गीगावॉट बराबर 1,000 मेगावॉट) की बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षमता की जरूरत होगी.

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