Advance Tax की दूसरी किस्त जमा करने की आखिरी तारीख आज, चूके तो लगेगा इनता जुर्माना
Advance Tax Payment: आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 208 के अनुसार, वैसे लोग जिनकी 2024-25 वित्त वर्ष में अनुमानित देनदारी दस हजार रुपये से ज्यादा हो सकती है, वो अपना टैक्स एडवांस में जमा कर सकते हैं.
Advance Tax Payment: इनकम टैक्स विभाग के कैलेंडर के अनुसार, आकलन वर्ष 2024-25 के लिए एडवांस टैक्स की दूसरी किस्त जमा करने की आज आखिर तारिख है. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 208 के अनुसार, वैसे लोग जिनकी 2024-25 वित्त वर्ष में अनुमानित देनदारी दस हजार रुपये से ज्यादा हो सकती है, वो अपना टैक्स एडवांस में जमा कर सकते हैं. बता दें कि वैसे लोग जिनकी उम्र 60 वर्ष से ऊपर है और जिनकी व्यवसाय या पेशे से कोई आय नहीं है, उन्हें एडवांस टैक्स का भुगतान नहीं करना होगा. उन्हें टैक्स में छूट दी गयी है.
किन लोगों को देना होगा एडवांस टैक्स
एडवांस टैक्स नियम के अनुसार टैक्स स्लैब में आने वाले वेतनभोगी कर्मचारी, स्व-रोजगार व्यक्ति, व्यवसाय, ट्रस्ट और पार्टनरशिप फर्म को देना होता है. कोई भी अपने एडवांस टैक्स का भुगतान चार किस्तों में कर सकता है. पहली किस्त में एडवांस टैक्स का 15 फीसदी 15 जून या उससे पहले जमा करना होता है. जबकि, दूसरी किस्त में पहले जमा किये गए टैक्स की राशि छाटकर 45 प्रतिशत 15 सितंबर या उससे पहले भुगतान करना होता है. आयकर विभाग के द्वारा टैक्स की तीसरी किस्त 15 दिसंबर को या उससे पहले भुगतान करने का निर्देश दिया गया है. जबकि, एडवांस टैक्स की चौथी और अंतिम किस्त का भुगतान 15 मार्च को या उससे पहले करना होगा होता है. आयकर विभाग के द्वारा ये व्यवस्था वित्तीय बोझ को कम करने और टैक्स पेमेंट को सुगम बनाने के लिए किया गया है. अगर टैक्स स्लैब में आने वाला कोई व्यक्ति या संस्थान समय पर टैक्स जमा नहीं करता है तो आयकर की धारा 234बी और 234सी के तहत कुल टैक्स की देय राशि पर 1 प्रतिशत की दर से ब्याज जुर्माना वसूला जाता है.
क्या होता है एडवांस टैक्स?
एडवांस टैक्स एक प्रकार का कर है जो आयकर विभाग द्वारा निगमित होता है और व्यक्ति या व्यवसाय को निर्धारित समयानुसार आयकर देने के लिए है. यह उन व्यक्तियों या व्यवसायों के लिए लागू होता है जिनकी आय सूची में शामिल है और उनका करदाता अगले वित्त वर्ष में उनकी आय को अग्रिम रूप से देखना चाहता है. एडवांस टैक्स का मुख्य उद्देश्य यह है कि करदाता अपने आय का एक हिस्सा उधार में सरकार को अग्रिम दे देता है. इससे सरकार को वित्तीय वर्ष के दौरान धन संचय करने का एक उचित तरीका मिलता है और उनके निगमित आमदनी को सुरक्षित करने में मदद होती है. एडवांस टैक्स का भुगतान विभिन्न अनुकूलनों के आधार पर होता है जो आयकर विभाग द्वारा तय किए जाते हैं. यह अनुकूलन व्यक्ति या व्यवसाय के आय के आधार पर होता है और आयकर कटौती की दरें तय करता है जो उन्हें अगले वित्त वर्ष में उधार देने के लिए दिखानी होगी. सम्मिलित आय, निवेश, वित्तीय लाभ आदि के आधार पर व्यक्तिगतीकरण के आधार पर अनुकूलित एडवांस टैक्स भुगतान करने की जिम्मेदारी करदाता की होती है. एडवांस टैक्स का मुख्य उद्देश्य यह है कि व्यक्ति या व्यवसाय अपने आय का एक उचित हिस्सा सरकार को उधार दे देता है ताकि वित्त वर्ष के दौरान आयकर कलेक्शन करने में सरकार को सुविधा हो.
आयकर विभाग में एडवांस टैक्स कैसे जमा करें
आयकर विभाग में एडवांस टैक्स जमा करने के लिए सबसे पहले आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं. इसके बाद, अब अपने आयकर या पैन कार्ड के लॉगिन आवश्यकताएं भरें और लॉग इन करें. आपके लॉग इन करने के बाद, वेबसाइट पर एडवांस टैक्स या अग्रिम कर विकल्प का चयन करें. अब आपको आयकर विभाग को आपकी अनुमानित आय के बारे में सूचित करने के लिए आवश्यक जानकारी भरनी होगी. यह आमतौर पर आपके आय अनुमान के लिए उपयुक्त फॉर्म या प्रक्रिया शामिल करता है. एडवांस टैक्स की राशि जमा करने के लिए आपको ऑनलाइन भुगतान के विकल्प का चयन करना होगा. आप यहां अपने बैंक खाता या अन्य उपयुक्त भुगतान विधियों का उपयोग कर सकते हैं. भुगतान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आपको एक भुगतान रसीद प्राप्त होगी. इस रसीद को सुरक्षित रखें जिसे आप अपने वित्त दर्जनों और कागजातों के लिए प्रमाण के रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं.
Also Read: Credit Card: फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग लेकर बैंक सख्त, अब ग्राहकों को नहीं मिलेगी ये सुविधा
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.