Air India के बाद अब सहायक कंपनियों को बेचने की तैयारी में सरकार, बातचीत का दौर जारी
एयर इंडिया का मालिकाना हक टाटा समूह को मिला था. उस वक्त एयरलाइन पर 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था. हालांकि, एयरलाइन पर 18 हजार करोड़ रुपये की बोली टाटा समूह ने लगाई थी, जिसमें से 2 हजार 700 कोरड़ रुपये टाटा समूह ने नकद दिए थे.
एयर इंडिया (Air India) के बाद अब 4 सहायक कंपनियों को बेचने की कवायद शुरू हो गई है. एक अधिकारी ने बिजनेस टुडे को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि संबंधित बोलीदाताओं से एयर इंडिया की बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा, सभी सहायक कंपनियों को बेचने के लिए पहले ही कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. जानकारी के अनुसार बर्ड ग्रुप, सेलेबी एविएशन और आई स्क्वायर्ड कैपिटल ने एआईएटीएसएल और अन्य सहायक कंपनियों को अधिग्रहण करने में रुचि दिखाई है.
एयर इंडिया पर बकाया कर्ज बढ़ा
वर्तमान में एयर इंडिया की चार सहायक कंपनियां है. इनमें एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (AIATSL), एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड (AASL) एलायंस एयर, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIISL) और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (HCI) के एयर इंडिया के पास है. बता दें कि एयर इंडिया योजना इन सहायक कंपनियों को मोनेटाइज कर देनदारियों को जल्द समाप्त करने की है. क्योंकि एयर इंडिया पर बकाया कर्ज और बढ़ रहा है.
जानें एयर इंडिया पर कितना कर्ज
गौरतलब है कि एयर इंडिया का मालिकाना हक टाटा समूह को मिला था. उस वक्त एयरलाइन पर 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था. हालांकि, एयरलाइन पर 18 हजार करोड़ रुपये की बोली टाटा समूह ने लगाई थी, जिसमें से 2 हजार 700 कोरड़ रुपये टाटा समूह ने नकद दिए थे. इसके बाद एयरलाइन पर करीब 15,300 कोरड़ रुपये का कर्ज बकाया रह गया था, जिसे सरकार को चुकाना था.
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इन कंपनियों ने दिखाई रुचि
बर्ड ग्रुप, सेलेबी एविएशन और आई स्क्वेयर्ड कैपिटल ने एआईएटीएसएल का अधिग्रहण करने में रुचि दिखाई है. एक अधिकारी ने बिजनेस टुडे से कहा, हम पिछले कुछ समय से बर्ड ग्रुप के संपर्क में हैं. बर्ड ग्रुप दिल्ली से बाहर स्थित सबसे बड़ी थर्ड-पार्टी ग्राउंड हैंडलिंग कंपनियों में से एक है. सेलेबी एविएशन होल्डिंग तुर्की में स्थित एक ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी है और आई स्क्वेयर्ड कैपिटल एक निजी इक्विटी फर्म है, जो ग्लोबल इफ्रांस्ट्रक्चर पर फोकस कर रही है. केंद्र सरकार ने इस साल की शुरुआत में एयर इंडिया के स्वामित्व को टाटा समूह को हस्तांतरित कर दिया था, बाद में घाटे में चल रही एयरलाइन को टाटा समूह ने अपने हाथों में ले लिया था.
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