WIPRO Q1 Results: सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी विप्रो की जून तिमाही के नतीजे 19 जुलाई को जारी कर दिए गए. विप्रो के नतीजे विशेषज्ञों के अनुमान के विपरीत नजर आए. विशेषज्ञों का कहना था कि कंपनी ज्यादा कमाई करेगी लेकिन कंपनी उम्मीदों पर खरा नहीं उत्तरी. विप्रो के कमजोर आंकड़े के बाद अमेरिका में कारोबार करने वाली विप्रो के शेयर अदर में भारी गिरावट दर्ज की गई. यह गिरावट 11% से अधिक की थी. वर्ष 2008 के बाद एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट रही. इस तिमाही में विप्रो के कमाई में कुल 1% की कमी आई है. आईटी सेवाओं से होने वाली कमाई में लगातार यह छठी तिमाही में गिरावट का रुझान बना हुआ है. अमेरिकी बाजार के साथ भारत शेयर बाजार में भी विप्रो के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई थी. विप्रो के शेयर पिछले कारोबारी दिन के बंद भाव से 3% कम होकर 557.20 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए. इस गिरावट से पहले विप्रो के शेयर अपने 52 हफ्तों के सबसे ऊंचे स्तर 580 रुपये पर कारोबार कर रहे थे.
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कैसे थे फाइनेंशियल ईयर 25 के Q1 रिजल्ट
आईटी कंपनी विप्रो ने शुक्रवार के दिन अपने वित्त वर्ष 2025 के जून क्वार्टर रिजल्ट जारी कर दिए थे. कंपनी के जून तिमाही के दौरान कुल कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 3003 करोड़ रुपये दर्ज किए गए. जिससे कुल 4.6 फ़ीसदी की तेजी दर्ज की गई. पिछले वर्ष के इसी तिमाही के दौरान कुल नेट प्रॉफिट 2870 करोड़ रुपये थे. इस तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड ऑपरेशनल रिवेन्यू 3.79 फिसिदी फिसल कर 21,963.8 करोड़ रुपये हो गया.
किन क्षेत्रों में की बढ़ोतरी
विप्रो के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर श्रीनी पलिया ने बताया कि कंपनी ने एक और तिमाही में एक अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा बड़े सौदे किए हैं. कंपनी ने अपना मुनाफा मार्जिन यानी ऑपरेशनल मार्जिन 16.5% पर बनाए रखने में कामयाबी हासिल की है. बैंकिंग और वित्त सेवाएं बीएफएसआई क्षेत्र में भी बढ़ोतरी दर्ज की है. साथ ही कंपनी ने अमेरिका 1 स्ट्रैटेजिक मार्केट यूनिट और कंज्यूमर सेक्टर जैसे क्षेत्रों में भी बढ़ोतरी दर्ज की है.
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