NPS Latest News : अगर आपने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के सब्सक्राइबर हैं और आपने वक्त से पहले ही पैसा निकाल लिया है, तो इससे दोबारा जुड़ने के लिए आपको 2 विकल्प मिलते हैं. एनपीएस का कोई सब्सक्राइबर समय से पहले पैसा निकालते हैं या फाइनल एग्जिट के कारण उनका पीआरएएन डीएक्टिवेट कर दिया जाता है, तो उन्हें नया एनपीएस अकाउंट खुलवाना पड़ता है. यह नए पीआरएएन के साथ खुलवाया जाता है. हालांकि, पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए (PFRDA) ने अब स्कीम से दोबारा जुड़ने के लिए एनपीएस सब्सक्राइबरों को 2 विकल्प दिए हैं. आइए, जानते हैं इसके बारे में…
पीएफआरडीए की ओर से 23 सितंबर 2020 को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि समय से पहले स्कीम से निकालने वालों के पास इससे दोबारा जुड़ने के लिए अब दो विकल्प हैं.
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सब्सक्राइबर अगर एनपीएस से जुड़ने के लिए पात्र हैं, तो वे नए पीआरएन के साथ नया एनपीएस अकाउंट खोल सकते हैं.
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अपने एनपीएस अकाउंट से पहले निकाली गई रकम (20 फीसदी तक) को उसी पीआरएएन के साथ एनपीएस में दोबारा जमा करके सब्सक्राइबर इसे जारी रख सकते हैं. हालांकि, मौजूदा पीआरएएन को जारी रखने के लिए दोबारा डिपॉजिट का यह विकल्प केवल एक बार लिया जा सकता है.
वक्त से पैसा निकालने वालों के लिए है फायदेमंद
विशेषज्ञों के अनुसार, “पीएफआरडीए का यह कदम समय से पहले पैसा निकाल चुके एनपीएस सब्सक्राइबरों के लिए फायदेमंद है. यह उन्हें पुराने पीआरएएन के साथ स्कीम से दोबारा जुड़ने की सहूलियत देगा. कई मामलों में देखने में आया है कि एकमुश्त रकम निकाल ली जाती है. लेकिन, एन्युटी खरीदने के लिए बैलेंस अमाउंट के साथ ऐसा नहीं किया जाता है. एनपीएस अकाउंट में यह रकम पड़ी रहती है. ऐसे सब्सक्राइबर एकमुश्त निकाली गई रकम को दोबारा निवेश कर सकते हैं. इससे वे एनपीएस का फायदा उठा सकेंगे. यह उन्हें रिटायरमेंट सेविंग करने में मदद करेगा.”
क्या होता है पीआरएएन?
पीआरएएन 12 अंकों का एक खास नंबर होता है. स्कीम से जुड़ने पर एनपीएस सब्सक्राइबर को यह नंबर दिया जाता है. किसी एक समय में एक सब्सक्राइबर के पास केवल एक पीआरएएन हो सकता है. ऐसे में पात्र सब्सक्राइबर 65 साल की उम्र तक अपना मौजूदा एनपीएस अकाउंट बंद कराने के बाद नया एनपीएस अकाउंट खुलवा सकते हैं.
पुराने पीआरएएन का इस्तेमाल कर एनपीएस से ऐसे जुड़ सकते हैं दोबारा
एनपीएस के तहत कई विकल्प होते हैं. सब्सक्राइबर चाहें तो स्कीम से मैच्योरिटी से पहले निकल सकते हैं या 60 साल का होने पर फाइनल एग्जिट का विकल्प चुन सकते हैं. समय से पहले एग्जिट करने पर पीआरएएन में जुटी 20 फीसदी तक पेंशन एकमुश्त रकम के तौर पर निकाली जा सकती है. बाकी की 80 फीसदी या इससे ज्यादा रकम से एन्युटी खरीदना पड़ता है. इसे एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर्स (एएसपी) से खरीदा जाता है.
80 फीसदी रकम पीआरएएन में रहती है निवेशित
पीएफआरडीए ने कहा है कि ऐसे मामले हैं जहां एनपीएस सब्सक्राइबर्स ने अपने पीआरएएन से एकमुश्त (20 फीसदी तक) रकम निकाली है. लेकिन, कोई एन्युटी प्लान नहीं लिया है. ऐसे मामलों में एन्युटी के लिए 80 फीसदी या इससे ज्यादा की रकम उनके पीआरएएन में निवेश रहती है. ऐसे सब्सक्राइबरों की मदद के लिए रेगुलेटर ने फैसला किया है कि उन्हें उसी पीआरएएन के साथ अपने एनपीएस अकाउंट को जारी रखने का विकल्प दिया जाएगा. इसके लिए सब्सक्राइबरों को पहले निकाली गई पूरी रकम (20 फीसदी तक) को दोबारा डिपॉजिट करना होगा. इस विकल्प का इस्तेमाल केवल एक बार किया जा सकता है.
आपको क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार, समय से पहले निकाली गई पूरी रकम दोबारा डिपॉजिट करने का विकल्प एनपीएस को अधिक फ्लेक्सिबल बनाता है. यह स्कीम के साथ जुड़े रहने की चाहत रखने वाले सब्सक्राइबरों के लिए प्रक्रिया संबंधी औपचारिकताएं घटाता है.
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Posted By : Vishwat Sen
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