भारत में एआई इंजीनियरों को कितनी मिलती है सैलरी? जानकर चौंक जाएंगे आप
AI Engineer salary: एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत ने पूरे देश में भूचाल-सा ला दिया है. जो लोग अभी तक एआई से परिचित नहीं थे, वे भी अब एआई इंजीनियरों से जुड़ी बातें जानने को उत्सुक हैं. लोग उनके काम और वेतन जानने को लेकर ज्यादा उत्सुक दिखाई दे रहे हैं.
AI Engineer Salary: भारत समेत देश दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है. डिजिटाइजेशन के इस युग में लोग-बाग एआई को तेजी से अपना भी रहे हैं. देश में कई सॉफ्टवेयर सेवा और सुविधा उपलब्ध कराने वाली कंपनियां एआई इंजीनियरों की नियुक्ति भी करती हैं, ताकि ग्राहकों को एआई सर्विस प्रोवाइड कराया जा सके. एआई के बारे में हर कोई जानना चाहता है, लेकिन भारत में एआई इंजीनियरों को सैलरी कितनी मिलती है, इसे कोई नहीं जानता. एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मौत के बाद हर कोई यह जानने की कोशिश कर रहा है कि एआई इंजीनियरों की सैलरी कितनी होती होगी? आइए, इसके बारे में जानते हैं.
विभिन्न स्रोतों हासिल की गई जानकारी के अनुसार, भारत में एआई इंजीनियरों की सैलरी उनकी योग्यता, अनुभव और कंपनी की प्रोफाइल के आधार पर अलग-अलग हो सकती है.
एंट्री-लेवल (0-2 वर्ष अनुभव)
- शुरुआत में AI इंजीनियरों को औसतन 6-10 लाख रुपये प्रति वर्ष (LPA) मिलते हैं.
- टियर-1 कंपनियां जैसे Google, Microsoft, और Amazon नई प्रतिभाओं को 10-15 लाख रुपये प्रति वर्ष तक का पैकेज ऑफर करती हैं.
मिड-लेवल (2-6 वर्ष अनुभव)
- मिड-लेवल AI इंजीनियरों की सैलरी औसतन 15-25 लाख रुपये प्रति वर्ष होती है.
- इस स्तर पर विशेष कौशल जैसे मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स के साथ सैलरी में और वृद्धि हो सकती है.
सीनियर लेवल (6+ वर्ष अनुभव)
- अनुभवी AI विशेषज्ञों को भारत में 40-70 लाख रुपये प्रति वर्ष या उससे अधिक तक का वेतन मिलता है।
- कुछ उच्च पदों पर जैसे AI रिसर्चर या हेड ऑफ AI की सैलरी 1 करोड़ रुपये प्रति वर्ष या उससे अधिक हो सकती है. विशेष रूप से फिनटेक, हेल्थकेयर, और बिग टेक कंपनियों में.
फ्रीलांस और स्टार्टअप्स
- फ्रीलांस AI प्रोजेक्ट्स में प्रति प्रोजेक्ट 2-10 लाख रुपये कमाई हो सकती है.
- स्टार्टअप्स में शुरुआती सैलरी कम हो सकती है, लेकिन स्टॉक ऑप्शंस या इक्विटी के जरिए लंबे समय में अधिक कमाई का मौका मिलता है.
ये कौशल बढ़ाते हैं सैलरी
- मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग विशेषज्ञता
- प्रोग्रामिंग भाषाएं जैसे Python, R, और Java
- क्लाउड कंप्यूटिंग (AWS, Azure, GCP)
- एनएलपी (Natural Language Processing) और कंप्यूटर विजन
कंपनियों के अनुसार औसत सैलरी
- Google, Amazon, Microsoft: 20-30 लाख रुपये सालाना
- Infosys, TCS, Wipro: 6-12 लाख रुपये सालाना
- स्टार्टअप्स और रिसर्च लैब्स: 12-25 लाख रुपये सालाना
किसे मिलती है सबसे अधिक सैलरी
एआई रिसर्च साइंटिस्ट
- ये लोग नए एल्गोरिदम और AI तकनीकों का विकास करते हैं.
- ग्लोबल कंपनियां Google DeepMind, OpenAI, और Microsoft में इनकी सैलरी 1-2 करोड़ प्रति वर्ष या उससे अधिक हो सकती है.
- भारत में भी इनका वेतन 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये सालाना हो सकता है.
मशीन लर्निंग आर्किटेक्ट
- जटिल मशीन लर्निंग सिस्टम्स के निर्माण और तैनाती में इनका मुख्य रोल होता है.
- इनकी औसत सैलरी 40 लाख से 1 करोड़ रुपये सालाना हो सकती है.
- नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) विशेषज्ञ
- NLP विशेषज्ञ विशेष रूप से conversational AI, चैटबॉट, और वॉयस असिस्टेंट विकसित करने में मदद करते हैं.
- इनकी सैलरी 30 लाख से 80 रुपये तक सालाना हो सकती है.
क्लाउड AI इंजीनियर
- AWS, Azure या GCP जैसे प्लेटफॉर्म पर AI समाधान तैनात करने में माहिर इंजीनियर
- इनकी सैलरी 25 लाख से 70 लाख रुपये तक होती है, और यह अनुभव के साथ और बढ़ती जाती है.
डाटा साइंटिस्ट और AI स्ट्रेटेजिस्ट
- इनका प्रमुख काम डेटा का इस्तेमाल कर कंपनियों के लिए रणनीतिक समाधान प्रदान करना है.
- इनकी सैलरी 20 लाख से 60 लाख रुपये सालाना हो सकती है.
कस्टम AI सॉल्यूशंस क्रिएटर
- ये विशेष परियोजनाओं के लिए कस्टम AI मॉडल बनाते हैं. इनमें हेल्थकेयर में डायग्नोस्टिक्स या फाइनेंस में फ्रॉड डिटेक्शन शामिल हैं.
- इनकी सैलरी 40 लाख से 80 लाख रुपये सालाना हो सकती है.
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ग्लोबल स्तर पर सैलरी
OpenAI जैसे संगठनों में टॉप AI रिसर्चर्स की सैलरी और बोनस 1 मिलियन डॉलर (8 करोड़ रुपये) सालाना तक हो सकती है.
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