दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर समेत 4 परियोजनाओं के लिए भारत को 3 अरब डॉलर का लोन देगा AIIB
एआईआईबी की स्थापना 2016 में की गयी थी. तब से अब तक एआईआईबी ने 24 देशों की 87 परियोजनाओं के लिए 19.6 अरब डॉलर के कर्ज को मंजूरी दी है. इनमें भारत की 17 परियोजनाओं के लिए 4.3 अरब डॉलर के कर्ज शामिल हैं. पंडियन ने वित्तपोषण के भविष्य के अवसरों के बारे में बताया कि पाइपलाइन मजबूत है और कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं अनुमोदन के विभिन्न चरणों में हैं.
नयी दिल्ली : बीजिंग स्थित बहुपक्षीय वित्त पोषण एजेंसी एआईआईबी भारत में कनेक्टिंग रूट्स और आवागमन में सुधार के अपने प्रयास के तहत दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर, मुंबई मेट्रो रेल और चेन्नई बाहरी रिंग रोड परियोजना सहित विभिन्न बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए अगले 12 महीने में 3 अरब डॉलर ऋण प्रदान करने की दिशा में काम कर रही है. एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) के उपाध्यक्ष डीजे पंडियन ने एक साक्षात्कार में कहा कि अभी तक एआईआईबी के कुल वितरित कर्ज में 25 फीसदी हिस्सेदारी के साथ भारत सबसे बड़ा कर्जदार है.
दरअसल, एआईआईबी की स्थापना 2016 में की गयी थी. तब से अब तक एआईआईबी ने 24 देशों की 87 परियोजनाओं के लिए 19.6 अरब डॉलर के कर्ज को मंजूरी दी है. इनमें भारत की 17 परियोजनाओं के लिए 4.3 अरब डॉलर के कर्ज शामिल हैं. पंडियन ने वित्तपोषण के भविष्य के अवसरों के बारे में बताया कि पाइपलाइन मजबूत है और कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं अनुमोदन के विभिन्न चरणों में हैं.
उन्होंने कहा कि अभी 4.5-5 अरब डॉलर की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं और यदि सब कुछ ठीकठाक रहा, तो हम एक साल में भारत के लिए 3 अरब डॉलर के कर्ज की मंजूरी देंगे. पंडियन के अनुसार, वित्तपोषण के लिए जिन परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है, वे दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर (50 करोड़ डॉलर), हरियाणा बाईपास लिंक रेलवे (40 करोड़ डॉलर), मुंबई मेट्रो लाइन वी (35 करोड़ डॉलर) और मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (50 करोड़ डॉलर) हैं.
पंडियन ने बताया कि अकेले महाराष्ट्र में, लगभग 1.2 अरब डॉलर की तीन परियोजनाएं विचाराधीन हैं. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की तीन सड़क परियोजनाएं भी विचाराधीन हैं, जिनमें 1.1 अरब डॉलर की चेन्नई पेरिफेरल रिंग रोड शामिल है. ये परियोजनाएं अनुमोदन के विभिन्न चरणों में हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण यात्रा पाबंदियों के चलते पर्यावरण और सामाजिक मंजूरियों में देरी हो रही है. एक बार पूरा होने पर ये परियोजनाएं न केवल कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी, बल्कि कार्बन फुटप्रिंट को भी कम करेंगी.
कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए सहायता के बारे में पूछे जाने पर पंडियन ने कहा कि एआईआईबी ने क्रमशः 50 करोड़ डॉलर और 75 करोड़ डॉलर के दो ऋणों को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि मई में मंजूर 50 करोड़ डॉलर का पहला ऋण एक लचीली स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण के लिए था. इसके अलावा, गरीब और कमजोर परिवारों पर कोविड-19 के प्रतिकूल प्रभाव के खिलाफ सरकार को अपनी लड़ाई को मजबूत करने में मदद करने के लिए पिछले महीने 75 करोड़ डॉलर का ऋण मंजूर किया गया.
Also Read: भारत समेत 50 देशों ने चीन के नेतृत्व वाले AIIB पर किये हस्ताक्षर
Posted By : Vishwat Sen
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.