Air India Vistara Merger: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन एयर इंडिया में विस्तारा का विलय होना तय माना जा रहा है. इसे लेकर दोनों कंपनियों में सहमति बन गई है, लेकिन विस्तारा और एयर इंडिया के कर्मचारी कंपनी के इस फैसले से बिदक गए हैं. विस्तारा के कर्मचारियों को इस बात की आशंका सता रही है कि इस विलय के बाद उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है. कर्मचारियों की इन्हीं आशंकाओं को दूर करने के लिए एयर इंडिया और विस्तारा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कैंपबेल विल्सन और विनोद कन्नन दोनों एयरलाइन कंपनियों के कर्मचारियों से 13 मई 2024 को बात करेंगे.
एयर इंडिया की हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी सिंगापुर एयरलाइन
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के अधिकारियों ने शुक्रवार को ही इस बात की जानकारी दी है कि एंयर इंडिया और विस्तारा के विलय को लेकर दोनों कंपनियों के सीईओ कर्मचारियों से बातचीत करेंगे. रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि एक समझौते के तहत विस्तारा का एयर इंडिया में विलय होगा. एयरलाइन कंपनी के विलय के लिए दोनों कंपनियों ने जो समझौता किया है, उसके अनुसार सिंगापुर एयरलाइन एयर इंडिया की करीब 25.1 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी. इस समझौते की घोषणा नवंबर 2022 में ही कर दी गई थी. अब यह समझौता परवान चढ़ने को तैयार है.
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विलय से जुड़े मुद्दों पर होगी बातचीत
मीडिया की रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि विस्तारा और सिंगापुर एयरलाइन टाटा ग्रुप का एक ज्वाइंट वेंचर है. 13 मई 2024 को विलय से जुड़े मुद्दे पर भौतिक और ऑनलाइन तरीके से कर्मचारियों के साथ बातचीत होगी. इस बातचीत में एयर इंडिया और विस्तारा के कर्मचारी उपस्थित रहेंगे. कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक को एयर इंडिया के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन और विस्तारा के सीईओ विनोद कन्नन संबोधित करेंगे. कन्नन प्रस्तावित विलय के मुख्य एकीकरण अधिकारी भी हैं. इस बैठक में व्यापक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने तथा कर्मचारियों को विलय के बारे में पूरी तस्वीर पेश करने में मदद मिलने की उम्मीद है.
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विलय को एनसीएलटी की मंजूरी का इंतजार
मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर इंडिया में करीब 17,000 कर्मचारी हैं, जबकि विस्तारा में लगभग 6,500 कर्मचारी हैं. इस विलय को भारत में राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) की मंजूरी का इंतजार है. इस साल मार्च में सिंगापुर के प्रतिस्पर्धा नियामक सीसीसीएस ने प्रस्तावित विलय को सशर्त मंजूरी दी थी. सितंबर 2023 में इस सौदे को कुछ शर्तों के साथ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) से भी मंजूरी मिल चुकी है.
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