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एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग को बजट में मिले 9,259 करोड़ रुपये, इंडिगो की बजट 2022 पर ऐसी थी प्रतिक्रिया

Union Budget of India 2022: एआईएएचएल को विमानन कंपनी एयर इंडिया समेत गैर-प्रमुख संपत्तियों को ‘संभालने’ के लिए वर्ष 2019 में स्थापित किया था.

Union Budget of India 2022: विमानन कंपनी एयर इंडिया समेत अन्य प्रमुख संपत्तियोंको संभालने के लिए स्थापित विशेष इकाई एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) के लिए वर्ष बजट 2022 में रकार ने 9,259 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. बजट दस्तावेजों में यह जानकारी दी गयी है. वहीं, विमानन कंपनी इंडिगो ने एटीएफ की कीमतों में वृद्धि और बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

क्या है एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड

सरकार ने एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को विमानन कंपनी एयर इंडिया समेत गैर-प्रमुख संपत्तियों को ‘संभालने’ के लिए वर्ष 2019 में स्थापित किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषाण में कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए पूंजीगत व्यय का संशोधित अनुमान 6.03 लाख करोड़ रुपये है.

एआईएएचएल में डाली थी 62,057 करोड़ रुपये की इक्विटी

इसमें एयर इंडिया की बकाया देनदारियों और उसकी अन्य विविध प्रतिबद्धताओं के निपटान के लिए 51,971 करोड़ रुपये की राशि शामिल है. बजट दस्तावेज के अनुसार, ‘एयर इंडिया के वित्तीय पुनर्गठन के चलते विशेष इकाई को हस्तांतरित ऋण के लिए 9,259 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है.’ गौरतलब है कि सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश से पहले बकाया राशि को चुकाने के लिए एआईएएचएल में 62,057 करोड़ रुपये की इक्विटी डाली थी.

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एटीएफ पर उत्पाद शुल्क कटौती की थी उम्मीद – इंडिगो

विमानन कंपनी इंडिगो ने बजट में विमान ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती नहीं किये जाने पर निराशा जतायी है. हालांकि, उसने आम बजट 2022-23 को ‘विकासोन्मुखी’ करार दिया है. सस्ती उड़ान सेवाएं देने वाली एयरलाइन इंडिगो के पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी रोनोजॉय दत्ता ने बजट पर दी प्रतिक्रिया में कहा, ‘बजट 2022-23 विकासोन्मुख प्रतीत होता है, जिसमें पूंजी व्यय बढ़ाने के साथ ही राजकोषीय घाटे को 6.4 प्रतिशत पर सीमित करने, अनुपालन बोझ को कम करने और कारोबार सुगमता को बेहतर करने पर जोर दिया गया है.’

विमानन उद्योग को थी राहत की उम्मीद

उन्होंने कहा, ‘हम बजट में विमान ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती के जरिये विमानन उद्योग के लिए कर कटौती की उम्मीद कर रहे थे. इसके साथ ही महामारी से उबरने में क्षेत्र की कंपनियों की मदद के लिए रियायती वित्त के आवंटन की भी आशा थी.’

Posted By:Mithilesh Jha

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