एयर इंडिया के केबिन क्रू यूनियन ने और केबिन क्रू मेंबर्स के बॉडी मास इंडेक्स और वजन की जांच के लिए एक नयी कंपनी के साथ करार के आदेश का कड़े शब्दों में विरोध किया गया है. केबिन क्रू यूनियन ने अपनी आपत्ति इनफ्लाइट सर्विसेज डिपार्टमेंट के कार्यकारी निदेशक के सामने कड़े शब्दों में जतायी है.
गौरतलब है कि 20 जनवरी को अखिल भारतीय केबिन क्रू एसोसिएशन (एआईसीसीए) को सूचित किया गया कि अब प्रत्येक केबिन क्रू सदस्य को तिमाही आधार पर बीएमआई और वजन जांच कराना होगा.
ग्रूमिंग एसोसिएट्स को उड़ान या स्टैंडबाय ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करते समय केबिन क्रू के बीएमआई प्रबंधन / ग्रूमिंग / यूनिफॉर्म आदि को रिकॉर्ड करने का काम सौंपा गया है. केबिन क्रू मेंबर्स के बीएमआई और वजन की जांच और उनके यूनिफार्म आदि को सही रखने की जिम्मेदारी उड़ान के केबिन पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी होगी. उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके चालक दल के सभी सदस्य आवश्यक दिशानिर्देशों का पालन करें.
क्रू मेंबर को आपत्ति इस बात को लेकर है कि उनके बीएमआई और वजन की जांच किसी डाॅक्टर की उपस्थिति में ना होकर ग्रूमिंग एसोसिएट्स द्वारा कराये जाने की घोषणा की गयी है, जो नियमों का उल्लंघन है. एआईसीसीए ने यह धमकी भी दी है कि अगर इस सर्कुलर को वापस नहीं लिया गया तो वे कानून का सहारा लेंगे.
गौरतलब है कि एयर इंडिया को इस सप्ताह के अंत तक टाटा समूह को सौंपा जा सकता है. वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी है. ऐसे वक्त में क्रू मेंबर्स का यह विरोध एक नयी समस्या के रूप में सामने आ सकता है.
पिछले साल आठ अक्टूबर को टाटा संस की एक कंपनी की तरफ से लगाई गई बोली को स्वीकार कर सरकार ने एयर इंडिया के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी. एयर इंडिया के साथ उसकी किफायती विमान सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस की भी शत-प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री की जायेगी
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