Air India Passenger Urinating Case: टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने नवंबर में न्यूयॉर्क से आई एक उड़ान में एक पुरुष यात्री द्वारा महिला सहयात्री पर पेशाब करने की घटना के लिए शनिवार को माफी मांगी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चालक दल के 4 सदस्यों तथा एक पायलट को जांच पूरी होने तक ड्यूटी से हटा दिया गया है तथा एअरलाइन विमान में शराब परोसने की अपनी नीति की समीक्षा कर रही है.
घटना से उचित तरीके से न निपटने के लिए आलोचनाओं के बीच एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने एक बयान में कहा कि एअरलाइन इस मामले से बेहतर तरीके से निपट सकती थी और उन्होंने ऐसे अनुचित व्यवहार की शिकायत करने के लिए मजबूत तंत्र बनाने का वादा किया. उन्होंने कहा कि एअर इंडिया उड़ान के दौरान ऐसी घटनाओं को लेकर बहुत चिंतित है, जहां उपभोक्ताओं को हमारे विमान में अपने सहयात्रियों के निंदनीय कृत्यों को सहना पड़ा है. हम इन घटनाओं से दुखी हैं तथा खेद जताते हैं.
कैंपबेल विल्सन ने कहा कि एअर इंडिया का यह मानना है कि वह उड़ान के दौरान तथा बाद में इन मामलों से बेहतर तरीके से निपट सकती थी और वह कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. एअरलाइन के आरोपी यात्री को कानून प्रवर्तन अधिकारियों को तुरंत न सौंपने को लेकर उठे सवालों को लेकर उन्होंने कर्मियों को सभी घटनाओं की जानकारी देने की सलाह दी, भले ही वे सुलझ ही क्यों न गयी हों. उन्होंने कहा कि 26 नवंबर, 2022 को न्यूयॉर्क-दिल्ली उड़ान संख्या एआई-102 में हुई घटना में चालक दल के चार सदस्यों और एक पायलट को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और उन्हें जांच पूरी होने तक ड्यूटी से हटा दिया गया है. विल्सन ने कहा कि इस बात की आंतरिक जांच की जा रही है कि क्या अन्य कर्मियों से भी चूक हुई थी.
एअर इंडिया के सीईओ ने कहा कि एअरलाइन विमान में शराब परोसने की नीति, घटना से निपटने, उड़ान के दौरान शिकायत दर्ज कराने और शिकायत से निपटने समेत अन्य पहलुओं की भी जांच कर रही है. विल्सन ने कहा कि एक जिम्मेदार एअरलाइन होने के नाते एअर इंडिया ने घटनाओं और यात्रियों के अनुचित व्यवहार से निपटने पर नीतियों का पालन करने तथा जागरूकता बढ़ाने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया है. उन्होंने ज्यादा जानकारी दिए बगैर कहा कि एअरलाइन विमान में शराब परोसने की नीति की समीक्षा कर रही है.
विल्सन ने कहा कि इसके साथ ही वह डीजीसीए (DGCA) द्वारा निर्धारित आंतरिक समिति की बैठकों की बारंबारता की भी समीक्षा कर रही है जिन्हें ऐसी घटनाओं के आकलन की जिम्मेदारी दी गई है ताकि मामलों की पड़ताल की जाए और अधिक समयबद्ध तरीके से फैसले लिए जाएं. उन्होंने कहा कि एअर इंडिया पीड़ित यात्रियों को सहायता मुहैया कराना और उनकी कुशलक्षेम सुनिश्चित करना जारी रखेगी.
डीजीसीए ने बृहस्पतिवार को कहा कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि एअर इंडिया ने विमान में यात्री के अनुचित व्यवहार से निपटने से जुड़े प्रावधानों का पालन नहीं किया. सीईओ ने शनिवार को कहा कि 27 नवंबर को शिकायत मिलने पर एअर इंडिया ने 30 नवंबर को पीड़ित यात्री के परिवार से बातचीत की. 2 दिसंबर को उन्हें टिकट का पैसा वापस किया और 10 दिसंबर को डीजीसीए निर्धारित आंतरिक समिति को जांच सौंपी जिसमें एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश, यात्री संघ का एक प्रतिनिधि और एक अन्य भारतीय वाणिज्यिक एअरलाइन का प्रतिनिधि शामिल है.
समिति ने 20 दिसंबर को फाइल पारित कर दी और उसी दिन 30 दिन का अंतरिम यात्रा प्रतिबंध लागू किया गया. साथ ही एअर इंडिया ने एअरलाइन के वरिष्ठ कर्मियों, पीड़ित और उनके परिवार के साथ 20, 21, 26 और 30 दिसंबर को चार बैठकें कीं. विल्सन ने कहा, जब पीड़ित के परिवार ने 26 दिसंबर को बैठक के दौरान अनुरोध किया कि एअर इंडिया पुलिस में शिकायत दर्ज कराए तो उसने 28 दिसंबर को ऐसा ही किया. उन्होंने कहा, एअर इंडिया और उसके कर्मी प्रभावित यात्री और नियामकों तथा कानून प्रवर्तन अधिकारियों को पूरा सहयोग मुहैया कराते रहेंगे. हम उपभोक्ताओं और चालक दल के सदस्यों को सुरक्षित माहौल मुहैया कराने के साथ ही सभी कानून और नियमों के पूर्ण अनुपालन के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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