Air India की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक तरफ विमान कंपनी ने अपने नए एयरबस 350ए की शुरूआत की है. वहीं, नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने कुछ लंबे मार्गों पर संचालित उड़ानों के संबंध में सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के लिए एयरलाइन एयर इंडिया पर 1.10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया दिया है. बुधवार को जारी बयान के अनुसार, नियामक ने एक एयरलाइन कर्मचारी से स्वैच्छिक सुरक्षा रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद विस्तृत जांच की. इसमें कुछ लंबी दूरी के महत्वपूर्ण मार्गों पर एयर इंडिया द्वारा संचालित उड़ानों में सुरक्षा उल्लंघन का आरोप लगाया गया था. डीजीसीए ने कहा कि चूंकि जांच में प्रथम दृष्टया एयरलाइन द्वारा गैर-अनुपालन का पता चला. इसके बाद एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. सुरक्षा रिपोर्ट एयर इंडिया द्वारा संचालित पट्टे पर दिए गए विमानों से संबंधित है. डीजीसीए ने बयान में कहा कि चूंकि पट्टे पर दिए गए विमानों का परिचालन नियामक-ओईएम प्रदर्शन सीमाओं के अनुरूप नहीं था, इसलिए डीजीसीए ने प्रवर्तन कार्रवाई करते हुए एयर इंडिया पर 1.10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है.
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क्या है पूरा मामला
एयर इंडिया के एक पूर्व पायलट, जिन्होंने बी777 कमांडर के रूप में काम किया था, ने पिछले साल 29 अक्टूबर को नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए को इस अभ्यास के बारे में शिकायत की थी. डीजीसीए ने कहा कि उनकी व्यापक जांच में प्रथम दृष्टया एयरलाइन द्वारा गैर-अनुपालन का पता चला है.
इंडिगो पर भी लगा था भारी जुर्माना
हाल ही में, इंडिगो पर ₹1.20 करोड़ का जुर्माना लगाया गया था क्योंकि उसकी एक उड़ान के यात्रियों का रनवे पर खाना खाने का वीडियो वायरल हुआ था. इस पर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि यह अस्वीकार्य है. कोहरे के कारण कुछ हवाईअड्डों पर अफरा-तफरी मच गई है. इससे कई उड़ानें या तो विलंबित हुईं या रद्द कर दी गई हैं. इस पर टिप्पणी करते हुए, सिंधिया ने कहा कि प्रकृति की अनियमितताएं हैं जिन पर दुर्भाग्य से हमारा नियंत्रण नहीं है. प्रकृति की ये अनियमितताएं दुनिया भर में होती हैं. हमारे पास दिल्ली में कुछ बहुत खराब कोहरे वाले दिन हैं. जैसा कि आप सभी जानते हैं, किसी भी नागरिक उड्डयन पारिस्थितिकी तंत्र में कुछ बेस स्टेशन होते हैं. जब मौसम या किसी अन्य घटना के कारण बेस स्टेशन प्रभावित होता है, तो यह पूरे सिस्टम में दुर्भाग्यपूर्ण देरी और रद्दीकरण का एक चक्र पैदा करता है.”
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