मुंबई : सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के कर्मचारी संगठनों ने भत्तों में 10 फीसदी कटौती करने के कंपनी के फैसले के खिलाफ बंबई हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. एयर इंडिया ने कोरोना वायरस महामारी के कारण भत्तों में 10 फीसदी कटौती करने करने का ऐलान किया है. ये भत्ते कर्मचारियों के वेतन का बड़ा हिस्सा होते हैं. कर्मचारी संगठनों एयर इंडिया एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया सर्विस इंजीनियर्स एसोसिएशन और इंडियन पायलट गिल्ड ने एयर इंडिया व इसकी सहायक एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड के खिलाफ इस सप्ताह के शुरू में हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
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अधिवक्ता जेन कॉक्स और करिश्मा राव के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि 20 मार्च को एयर इंडिया ने कोरोनो वायरस प्रकोप के कारण चालक दल के सदस्यों को छोड़कर शेष सभी कर्मचारियों के भत्ता पैकेज में तीन महीने के लिए 10 फीसदी कटौती का ऐलान किया है. दलील में कहा गया कि उसी दिन केंद्र सरकार ने एक परामर्श जारी कर सभी निजी और सार्वजनिक कंपनियों को महामारी के कारण वेतन में कटौती या कर्मचारियों को बर्खास्त नहीं करने के लिए कहा था.
अधिवक्ता जेन कॉक्स ने कहा कि 29 मार्च को गृह सचिव ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत एक परामर्श जारी किया, जिसमें निर्देश दिया गया कि सभी नियोक्ता अपने कर्मचारियों को उस अवधि के लिए कोई कटौती किये बिना मजदूरी का भुगतान करेंगे, जिस अवधि तक उनके प्रतिष्ठान लॉकडाउन के कारण बंद रहते हैं.
उन्होंने कहा कि एयर इंडिया द्वारा घोषित कटौती इसलिए न केवल औद्योगिक कानूनों के तहत अवैध है, बल्कि इसने केंद्र सरकार के आदेश का भी उल्लंघन किया है. याचिका में अदालत से एयर इंडिया को कोई कटौती नहीं करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है. इसके साथ ही, इस मामले में अदालत के अंतिम आदेश के लंबित होने के कारण मार्च में भत्ते में की गयी कटौती वापस करने का निर्देश देने का भी आग्रह किया गया है.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए बीते 25 मार्च से तीन चरणों में लगातार लॉकडाउन जारी है. लॉकडाउन के पहले चरण की घोषणा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में देश के नियोक्ताओं और उनकी कंपनियों से अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती नहीं करने और नौकरी से नहीं निकालने की अपील की थी. बावजूद इसके देश की कई कंपनियां और नियोक्ता कर्मचारियों के वेतन में कटौती के साथ लॉकडाउन में आमदनी न होने का हवाला देकर छंटनी की भी योजना बना रहे हैं.
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