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गुडबाय विस्तारा, कल से मिलेगा एयर इंडिया का सहारा

Air India Vistara Merger: साल 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने विदेशी एयरलाइंस को एक घरेलू एयरलाइन में 49% तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दी थी. साल 2012 में ही एयरएशिया इंडिया और विस्तारा का जन्म हुआ था.

Air India Vistara Merger: विदेशी स्वामित्व वाली विमानन कंपनी विस्तारा का आज 11 अक्टूबर 2024 को सबसे बड़ी विमानन कंपनी एयर इंडिया में विलय हो जाएगा. इस विलय के बाद विस्तारा एयर इंडिया ग्रुप में शामिल हो जाएगी. एयर इंडिया ग्रुप में शामिल होने से पहले विस्तारा की फ्लाइटों को उड़ान भरने का आज आखिरी दिन है. इसके साथ ही, तेजी से बढ़ते भारतीय विमानन क्षेत्र में पूर्ण सेवा देने वाली एयरलाइंस की संख्या पिछले 17 सालों में पांच से घटकर सिर्फ एक रह जाएगी. इस विलय के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों के उदारीकरण के बाद बनी एक विदेशी एयरलाइन के संयुक्त स्वामित्व वाली एक और भारतीय एयरलाइन का अवसान हो जाएगा.

2012 में विस्तारा का हुआ था जन्म

विदेशी स्वामित्व वाली विस्तारा में 49% हिस्सेदारी रखने वाली सिंगापुर एयरलाइंस के पास विलय के बाद एयर इंडिया में सिर्फ 25.1% हिस्सेदारी रह जाएगी. साल 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार ने विदेशी एयरलाइंस को एक घरेलू एयरलाइन में 49% तक हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दी थी. इसके बाद अब बंद हो चुकी जेट एयरवेज में खाड़ी क्षेत्र की एयरलाइन एतिहाद ने 24% हिस्सेदारी हासिल की और दूसरी ओर एयरएशिया इंडिया और विस्तारा का जन्म हुआ.

डूब गईं कई विमानन कंपनियां

विस्तारा पिछले 10 वर्षों में परिचालन शुरू करने वाली एकमात्र पूर्ण सेवा वाला वायुयान भी है. वर्ष 2007 में पूर्ण सेवा वाहक (एफएससी) इंडियन एयरलाइंस के एयर इंडिया के साथ विलय के बाद से कम से कम पांच एफएससी ने भारत में शुरुआत की. हालांकि, समय के साथ किंगफिशर और एयर सहारा गायब हो गए. किंगफिशर 2012 में बंद हो गई, जबकि एयर सहारा का जेट एयरवेज ने अधिग्रहण किया. इसका नाम बदलकर जेटलाइट कर दिया गया और यह 2019 में जेट एयरवेज के साथ डूब गई.

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एयर इंडिया के पायलटों में नाराजगी

एयर इंडिया और विस्तारा के विलय से पहले एयर इंडिया के पायलटों का एक तबका टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली दोनों एयरलाइंस के पायलटों के लिए सेवानिवृत्ति की अलग-अलग आयु सीमा को लेकर नाराज है. सूत्रों ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रबंधन ने अभी तक इस मुद्दे का समाधान नहीं किया है. वर्ष 2022 की शुरुआत में टाटा के स्वामित्व में आई एयर इंडिया के पायलटों और दूसरे कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 साल है. वहीं टाटा ग्रुप की ही दूसरी एयरलाइन विस्तारा में यह सीमा 60 वर्ष है. सूत्रों ने कहा कि एयर इंडिया के पायलटों के एक वर्ग में नाराजगी बढ़ रही है, क्योंकि प्रबंधन ने अभी तक विलय के बाद बनी इकाई के लिए एकसमान सेवानिवृत्ति आयु तय नहीं की है.

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